बहुत जल्द भारतीय सड़कों पर गाड़ियों में एक बड़ा बदलाव फिर से देखने को मिलने वाला है. दरअसल आजकल गाड़ियों में LED लाइट का प्रचलन तेजी से बड़ा है जिसकी रोशनी सड़कों पर तो काफी जबरदस्त होती है लेकिन सुरक्षा के लिए हद से काफी खतरनाक होते जा रही है. दोबारा से भारतीय सड़कों पर पीली रोशनी वाली बल्ब मैंडेटरी की जा सकती है.
आजकल भारत की सड़कों पर सफेद LED हेडलाइटों का चलन तेजी से बढ़ा है। देखने में ये लाइटें आधुनिक और प्रीमियम लगती हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि रात के समय ये रोड सेफ्टी के लिए बड़ा खतरा बन चुकी हैं। सामने से आने वाले वाहनों की तेज़ सफेद रोशनी ड्राइवर की आंखों पर सीधा प्रहार करती है, जिससे कुछ सेकंड के लिए दृश्यता पूरी तरह खत्म हो जाती है — और यही चंद सेकंड एक बड़े हादसे की वजह बन सकते हैं।

⚠️ भारत जैसे देश में सफेद तेज रोशनी क्यों अधिक खतरनाक है — आँखों पर असर, धूल में चमक और विज़िबिलिटी का भ्रम
सफेद LED हेडलाइटें यूरोप और ठंडे कोहरे वाले देशों के लिए बनाई गई तकनीक हैं। वहाँ मौसम और विज़िबिलिटी ऐसी होती है कि सफेद रोशनी उपयोगी साबित होती है।
लेकिन भारत की सड़कों और मौसम की स्थिति बिल्कुल अलग है:
✔️ यहाँ धूल, स्मॉग, गर्म जलवायु और साफ़ रातें ज्यादा होती हैं
✔️ सफेद रोशनी अधिक रिफ्लेक्ट होती है, जिससे सामने वाले की नजर चौंधिया जाती है
✔️ चालक की आंखों में तुरंत ग्लेयर (Glare) पड़ती है, जिससे फोकस और कंट्रोल दोनों कमजोर हो जाते हैं
इसके मुकाबले पुरानी पीली हेडलाइटें:
✔️ आँखों को नहीं चुभतीं
✔️ धूल और धुंध में ज्यादा स्पष्ट विज़िबिलिटी देती हैं
✔️ सामने वाले ड्राइवर की नजर नहीं छीनतीं
यानी, सुरक्षा के लिहाज़ से पीली रोशनी भारत के लिए कहीं बेहतर और सुरक्षित विकल्प है।
💡 NCIB का “सफेद हेडलाइट बंद करो आंदोलन” — जनता, सरकार और ऑटो कंपनियों को झकझोरने की पहल
इसी गंभीर समस्या को देखते हुए NCIB (नेशनल क्राइम इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो) ने देशभर में “#WhiteHeadlightBandKaro” आंदोलन शुरू किया है। उद्देश्य स्पष्ट है —
“सड़क सुरक्षा फैशन से बड़ी है — और भारत की सड़कों पर सफेद चकाचौंध नहीं, सुरक्षित रोशनी चाहिए।”
NCIB की प्रमुख मांगें:
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सरकार वाहन निर्माताओं को भारतीय परिस्थितियों के अनुसार हेडलाइट नियम तय करने का आदेश दे
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अत्यधिक सफेद/तेज़ हेडलाइटों पर प्रतिबंध लगाया जाए
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रोशनी की तीव्रता (Lumens) पर कानूनी नियंत्रण लगाया जाए
🛣️ रोड सेफ्टी सिर्फ़ टेक्नोलॉजी नहीं, समझदारी और इंसानों की जान का सवाल है
NCIB का कहना है —
“अगर अभी कदम नहीं उठाए गए, तो सफेद LED लाइटों की यह चकाचौंध हमारे देश की सड़कों को रोशन नहीं, अंधकार में धकेल देगी।”
भारत में रोज़ हज़ारों हादसों का कारण दिखाई न देना और सामने की तेज रोशनी होती है।
इसलिए कानून, कंपनियों और चालकों — तीनों को जिम्मेदार बनना होगा।




