राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर में सर्दी की दस्तक के साथ ही हवा का रंग फिर से जहरीला हो गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, मंगलवार सुबह 9 बजे दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 425 पर पहुंच गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। यह आंकड़ा सोमवार के 362 से तेजी से बढ़ा, जिसका कारण शांत हवाएं, स्थिर मौसम और सतह के निकट प्रदूषकों का जमाव माना जा रहा है। इसके चलते कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने तत्काल प्रभाव से ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के स्टेज-III को लागू कर दिया है।
GRAP स्टेज-III के तहत सख्त पाबंदियां
CAQM के बयान के अनुसार, AQI 400 से ऊपर 48 घंटे बने रहने पर स्टेज-III सक्रिय होता है, जो उत्सर्जन को रोकने और वायु गुणवत्ता के और बिगड़ने से बचाने के लिए डिजाइन किया गया है। प्रमुख प्रतिबंध इस प्रकार हैं:
- निर्माण और विध्वंस पर रोक: गैर-जरूरी निर्माण, तोड़फोड़ गतिविधियां पूरे एनसीआर में निलंबित।
- खनन और स्टोन क्रशर बंद: एनसीआर के सभी जिलों में खनन कार्य और पत्थर तोड़ने के संयंत्र स्थगित।
- पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध: दिल्ली और गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर में BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल चार-पहिया वाहनों का संचालन प्रतिबंधित। अपंग व्यक्तियों और आवश्यक सेवाओं के वाहनों को छूट।
- कार्यालयों में हाइब्रिड मोड: सरकारी और निजी कार्यालयों में वर्क-फ्रॉम-होम या हाइब्रिड मॉडल को बढ़ावा, ताकि वाहनों की संख्या कम हो।
- अन्य उपाय: प्रदूषण हॉटस्पॉट्स पर सड़क धुंधन, मैकेनिकल स्वीपिंग और कचरा संग्रह बढ़ाया गया। डीजल जनरेटर सेट्स का उपयोग भी सीमित।
ये प्रतिबंध स्टेज-I और II के मौजूदा उपायों के अतिरिक्त हैं, जो 19 अक्टूबर से लागू हैं। CAQM ने चेतावनी दी है कि यदि AQI 450 से ऊपर गया, तो स्टेज-IV सक्रिय हो सकता है।
स्कूलों में हाइब्रिड कक्षाएं: कक्षा 5 तक ऑनलाइन विकल्प
प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए दिल्ली सरकार ने शिक्षा निदेशालय (DoE) के माध्यम से सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों को निर्देश जारी किए हैं। कक्षा 5 तक की कक्षाएं तत्काल प्रभाव से हाइब्रिड मोड (ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों) में आयोजित की जाएंगी, जब तक आगे आदेश न दिए जाएं। अभिभावक अपने बच्चों के लिए ऑनलाइन या शारीरिक उपस्थिति चुन सकते हैं, ताकि जहरीली हवा से बच्चों का अधिकतम संपर्क रोका जा सके। मिडिल और सीनियर क्लासेस में अभी शारीरिक कक्षाएं जारी रहेंगी।
DoE के नोटिस में कहा गया, “सभी स्कूल प्रमुखों को निर्देश है कि जहां संभव हो, कक्षा 5 तक हाइब्रिड मोड अपनाएं।” यह फैसला बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए लिया गया, क्योंकि छोटे बच्चे प्रदूषण से अधिक प्रभावित होते हैं।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का बयान: “बच्चों का स्वास्थ्य प्राथमिकता”
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “हमने कई विभागों के साथ चर्चा के बाद यह निर्णय लिया है ताकि बच्चों का स्वास्थ्य सुरक्षित रहे। स्थिति पर नजर रखी जा रही है। धूल नियंत्रण, कचरा सफाई और ट्रैफिक प्रबंधन जैसे उपाय पूरी ईमानदारी से लागू हो रहे हैं।” उन्होंने जोर दिया कि दिल्ली सरकार साल भर प्रदूषण से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है, और ‘शुद्ध हवा सबका अधिकार’ योजना के तहत 70 लाख पौधे लगाए जा रहे हैं। गुप्ता ने पड़ोसी राज्यों से भी सहयोग की अपील की, क्योंकि दिल्ली का प्रदूषण एनसीआर से प्रभावित होता है।
स्वास्थ्य चिंताएं और सावधानियां
डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि स्मॉग के लंबे संपर्क से खांसी, सांस फूलना और गले में जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं, खासकर बच्चों और बुजुर्गों में। स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों को प्रदूषण संबंधी बीमारियों के बढ़ने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। नागरिकों को सलाह दी गई है:
- बाहरी गतिविधियां कम करें।
- मास्क पहनें और घरेलू एयर फिल्टर चलाएं।
- खिड़कियां बंद रखें और नमी बनाए रखें।
मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों में हवा की गति कम रहने से प्रदूषण और बढ़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि पराली जलाने, वाहनों के उत्सर्जन और स्थानीय स्रोतों से यह समस्या सालाना बनी रहती है। दिल्ली सरकार ने मिस्ट स्प्रेयर और स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम जैसे दीर्घकालिक उपायों पर जोर दिया है।




