बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में बोध गया सीट पर बेहद रोमांचक मुकाबला देखने को मिला। अंतिम राउंड तक स्थिति उलटती-पलटती रही, लेकिन अंत में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के उम्मीदवार कुमार सर्वजीत ने बेहद कम अंतर – सिर्फ 881 वोटों से जीत अपने नाम कर ली।
यह चुनाव पूरे प्रदेश के सबसे नज़दीकी मुकाबलों में से एक रहा।
अंतिम नतीजा (26/26 राउंड पूरे)
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कुमार सर्वजीत (RJD) — 1,00,236 वोट — विजयी
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श्यामदेव पासवान (LJP-R) — 99,355 वोट — हार
जीत का अंतर: 881 वोट
इसके अलावा—
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नंदलाल कुमार (Independent) — 10,181
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लक्ष्मण मांझी (Jan Suraaj Party) — 4,024
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अशोक पासवान (Vikas Vanchit Insan Party) — 3,675
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रामस्वरूप ऋषियासन (Independent) — 3,327
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उदय दास (PPI-D) — 1,543
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कुमार प्रदीप (Independent) — 1,114
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विरेंद्र राजवंशी उर्फ़ बिगेंद्र कुमार (SBSP) — 1,005
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सुगिया देवी (Moolniwasi Samaj Party) — 653
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NOTA — 5,960

क्यों खास है यह जीत?
1. बोध गया सीट पर ऐतिहासिक टक्कर
कुमार सर्वजीत और श्यामदेव पासवान के बीच पूरा मुकाबला लगभग प्रत्येक राउंड में बेहद करीबी रहा। एक समय ऐसा भी आया जब बढ़त 1,000 वोटों से नीचे आ गई और माहौल में तनाव दिखने लगा।
2. LJP को मिली कड़ी टक्कर, अंत में फिसला गणित
बोध गया में LJP(R) की अच्छी पकड़ मानी जाती है। श्यामदेव पासवान ने अंत तक मुकाबले को जीवित रखा लेकिन आख़िरी राउंड में वोट कम पड़ गए।
3. तीसरे नंबर से आगे कोई भी चुनौती नहीं
स्वतंत्र उम्मीदवार नंदलाल कुमार 10,181 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे, लेकिन मुख्य लड़ाई RJD बनाम LJP में ही सिमट गई।
बोध गया की राजनीति पर इस नतीजे का असर
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RJD ने बड़ा मनोबल बढ़ाया है — इतनी करीबी सीट पर वापसी पार्टी के लिए महत्वपूर्ण है।
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LJP के लिए यह झटका है, क्योंकि मामूली अंतर से हार पूरे राजनीतिक ढांचे की समीक्षा की मांग करेगा।
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2027 और 2030 के बड़े चुनावों में यह सीट राजनीतिक नाड़ी का काम करेगी।
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दलित–ओबीसी–महादलित समीकरणों का असर अगले चुनावों में और तीखा होगा।
सबसे अहम—NOTA ने भी 5,960 वोट लिए
कई विश्लेषकों का मानना है कि अगर NOTA वोट थोड़ा कम होता, तो परिणाम अलग हो सकता था।
यह भी इस सीट के करीबी मुकाबले की अहम वजहों में से एक है।




