UAE ने रिफ़ दमिश्क प्रांत के गांवों पर हुए इजरायली हमलों का कड़ा विरोध किया है और कहा है कि ऐसे हमले सीरिया की संप्रभुता और पूरे क्षेत्र की स्थिरता के लिए बड़ा खतरा हैं। अमीरात ने सभी देशों से संयम बरतने और शांतिपूर्ण समाधान का रास्ता अपनाने की अपील की है।
Key Highlights
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UAE ने सीरिया में इजरायल की बढ़ती सैन्य गतिविधियों की निंदा की
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कहा — ऐसे हमले एक संप्रभु राष्ट्र की अखंडता का उल्लंघन
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रिफ़ दमिश्क प्रांत के कई गांव हमलों से प्रभावित
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नागरिकों के लिए खतरा और क्षेत्र की स्थिरता पर गंभीर असर
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UAE ने सभी देशों से संयम और शांतिपूर्ण बातचीत की अपील की
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क्षेत्रीय सुरक्षा को बहाल करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत
सीरिया में बढ़ती अशांति पर UAE ने जताई गंभीर चिंता
संयुक्त अरब अमीरात ने सीरिया की भूमि पर इजरायली हमलों को लेकर कड़ा बयान जारी किया है। UAE ने स्पष्ट कहा कि ये हमले एक संप्रभु देश की क्षेत्रीय अखंडता का सीधा उल्लंघन हैं और पूरे मिडिल ईस्ट में शांति को अस्थिर करते हैं। रिफ़ दमिश्क प्रांत के गांवों पर हुए हमलों के बाद कई नागरिक प्रभावित हुए हैं, जिससे मानवीय स्थिति और बिगड़ गई है।
UAE का कहना है कि इस तरह की घटनाएं न केवल सीरिया के लोगों के लिए खतरा हैं, बल्कि क्षेत्रीय अस्थिरता भी बढ़ाती हैं — जिसका असर Gulf क्षेत्र में बसे लाखों प्रवासियों और कामगारों पर भी पड़ सकता है।

UAE का दो-टूक संदेश — हर देश की संप्रभुता का सम्मान जरूरी
अमीरात ने यह दोहराया कि किसी भी राष्ट्र की संप्रभुता और सुरक्षा उसके विकास की बुनियादी शर्त है। अगर बाहरी ताकतें किसी देश की सीमाओं और शासन में हस्तक्षेप करती हैं, तो इसका असर पूरे क्षेत्र में हिंसा, तनाव और राजनीतिक अस्थिरता के रूप में दिखता है।
UAE की नीति हमेशा से यह रही है कि किसी भी संघर्ष को सैन्य कार्रवाई से नहीं, बल्कि संवाद और समझौते से हल किया जाए।
शांति और स्थिरता के लिए UAE की अपील
UAE ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कहा है कि सीरिया जैसे युद्ध-प्रभावित देशों को समर्थन देना आवश्यक है, ताकि वहां की नागरिक आबादी को सुरक्षा मिल सके और पुनर्निर्माण का रास्ता तैयार हो सके।
अमीरात ने यह भी कहा कि:
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इजरायल सहित सभी पक्ष संयम बरतें
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हिंसा को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों से बचें
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क्षेत्रीय ध्रुवीकरण को रोकने के लिए बातचीत का रास्ता अपनाएं
यह संदेश उस समय आया है जब गल्फ क्षेत्र में पहले से ही कई सुरक्षा चुनौतियाँ मौजूद हैं, और किसी भी नई सैन्य वृद्धि से प्रवासी समुदाय और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है।




