दिल्ली सरकार एक नई और अनोखी योजना लेकर आ रही है, जिससे हाउसिंग सोसायटियों में रहने वाले लाखों लोगों को फायदा होगा। अब आपको दूध, ब्रेड या अचार जैसी छोटी-छोटी चीजों के लिए सोसायटी गेट से बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
योजना की मुख्य बातें (Key Highlights):
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बड़ा दायरा: दिल्ली में मौजूद 2000 से ज्यादा हाउसिंग को-ऑपरेटिव सोसायटियों में यह स्टोर्स या स्टॉल खोले जाएंगे।
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कितने लोगों को फायदा: इन सोसायटियों में करीब 8 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं, जिन्हें सीधा लाभ मिलेगा।
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रोजगार के अवसर: इस योजना के शुरू होने से सोसायटी के भीतर ही लगभग 10,000 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।

इन स्टोर्स पर क्या सामान मिलेगा?
सहकारिता मंत्री रविन्द्र इंद्रजीत सिंह के अनुसार, इन दुकानों पर दैनिक जरूरत और स्वयं सहायता समूहों (SHG) द्वारा बनाए गए उत्पाद मिलेंगे:
| श्रेणी | उपलब्ध सामान |
| दैनिक जरूरतें | दूध, पापड़, अचार, अगरबत्ती, साबुन, मसाले, राशन का सामान आदि। |
| हस्तशिल्प व सजावट | लकड़ी के सामान, स्वदेशी वस्त्र, आभूषण, मिट्टी के बर्तन और घर की सजावट की चीजें। |
भविष्य की तैयारी: ऑनलाइन डिलीवरी भी
सरकार इस योजना को आधुनिक बनाने पर भी काम कर रही है:
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पहला चरण: केवल सोसायटियों के भीतर फिजिकल (दुकान) स्टोर खोले जाएंगे।
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अगला चरण (ऑनलाइन): स्टोर्स को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा। इससे न केवल उस सोसायटी के लोग, बल्कि आसपास की दूसरी सोसायटी के लोग भी ऑनलाइन ऑर्डर देकर सामान मंगवा सकेंगे।
यह योजना “एक पंथ दो काज” जैसी है—सोसायटी के लोगों को घर के पास सुविधा मिलेगी और हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा।




