भारत की वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने संकेत दिया है कि देश के कस्टम नियमों में जल्द ही बड़ा और व्यापक सुधार आने वाला है। यह बदलाव खास तौर पर विदेशों—विशेषकर UAE—से भारत आने वाले यात्रियों, खासकर NRI समुदाय, के लिए राहत लेकर आ सकता है, जो वर्षों से पुराने और अव्यवहारिक गोल्ड ज्वेलरी लिमिट को अपडेट करने की मांग कर रहे हैं।
“कस्टम सिस्टम का पूरा ओवरहॉल जरूरी” — सीतारमण
नई दिल्ली में आयोजित HT लीडरशिप समिट में मंत्री ने कहा:
“कस्टम प्रक्रियाओं को बहुत ज़्यादा सरल और पारदर्शी बनाने की ज़रूरत है, ताकि यह बोझिल और थकाऊ न लगें।”
यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब UAE में बसे हजारों प्रवासी भारतीय गोल्ड ज्वेलरी पर कड़े और पुराने नियमों को लेकर लगातार शिकायतें दर्ज करा रहे हैं।

क्यों ज़रूरी हो गया है बदलना सोने का ड्यूटी-फ्री नियम?
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भारत में सोने का भाव: ₹13,000/ग्राम के करीब
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दुबई में सोने का भाव: Dh 508/ग्राम
वर्तमान नियम 2016 के हैं, जब सोने का दाम काफी कम था।
आज के नियम:
| यात्री | वजन | अधिकतम मूल्य |
|---|---|---|
| पुरुष | 20 ग्राम | ₹50,000 |
| महिला | 40 ग्राम | ₹1 लाख |
लेकिन इन कीमतों में अब
✔ ज्वेलरी की हकीकत में सिर्फ 20–30% ही कवर होती है।
✔ मेकिंग चार्ज जोड़ते ही Quantity लगभग 70% कम हो जाती है।
इस वजह से सामान्य और रोज़मर्रा की ज्वेलरी तक कस्टम चेक में फंस जाती है।
UAE में बढ़ रही NRI की परेशानी — बार-बार की जांच, पर्सनल सवाल, लंबी पूछताछ
“हर बार एअरपोर्ट पर रोका जाता है”— Dubai resident Khushboo Jain का अनुभव
मुंबई एयरपोर्ट पर हाल की जांच का जिक्र करते हुए खुष्बू ने बताया:
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“स्टोलर धकेलते समय अधिकारी ने मेरी कलाई पर बांग़ल देखा और मुझे रोक लिया।”
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उनसे पुराने फोटो दिखाने को कहा गया।
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उनके अनुसार सवाल गैर-ज़रूरी और निजी किस्म के थे।
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एक बार उन्हें प्राइवेट रूम में ले जाकर हर पीस को अलग-अलग तौला गया।
“अब मैं हर ज्वेलरी की फोटो और रसीद फोन में रखती हूँ, डर लगने लगा है।”
“कॉस्ट्यूम ज्वेलरी को भी असली समझकर रोक लिया”— Jumeirah resident Manasi Bajaj
मनसी ने बताया:
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दुबई से चंडीगढ़ जा रही थीं, बैग में कॉस्ट्यूम ज्वेलरी थी।
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इसे 45 मिनट की पूछताछ झेलनी पड़ी।
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नागपुर में उनके UAE दिरहम को “गोल्ड कॉइन” समझकर रोका गया था।
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छोटे एयरपोर्ट पर मामलों में सख्ती और ज़्यादा रहती है।
शादी का सीजन—NRI गोल्ड लेकर आने में झिझक रहे
दिल्ली जाने की तैयारी कर रहीं दुबई निवासी श्रेया राय की चिंता साफ है:
“कजिन की शादी है, लेकिन गोल्ड लेकर जाने से डर लग रहा है।
छोटी बच्चियों के साथ यात्रा में कस्टम पूछताछ सबसे बड़ा तनाव है।”
UAE से भारत आने वाले हज़ारों परिवार इसी दुविधा में हैं—
परंपरा निभाएँ या जोखिम उठाएँ?
क्यों भारत सरकार भी बदलाव की ओर झुक रही है?
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2016 की लिमिट अब आर्थिक वास्तविकता से मेल नहीं खाती।
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गोल्ड ज्वेलरी भारतीय संस्कृति, त्योहार और शादी-ब्याह का अहम हिस्सा है।
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पर्यटन, NRI weddings और गोल्ड इकोनॉमी बढ़ाने के लक्ष्य में भी ये नियम बाधा बन रहे हैं।
NRI समूहों ने औपचारिक रूप से सरकार से स्पष्ट, व्यवहारिक और आधुनिक दिशानिर्देश बनाने की मांग की है।
आगे क्या हो सकता है?
सीतारमण की टिप्पणी संकेत देती है कि:
✔ ड्यूटी-फ्री गोल्ड ज्वेलरी लिमिट पर बड़ा रिव्यू हो सकता है।
✔ कस्टम अधिकारियों के विवेकाधिकार को सीमित और स्पष्ट किया जा सकता है।
✔ NRI यात्रियों के लिए एक यूनीफॉर्म, फेयर और आसान सिस्टम बनाया जा सकता है।
✔ अनावश्यक पूछताछ और मनमाने जांच पर निगरानी बढ़ सकती है।





