कंपनी ऊर्जा उत्पादन में अपना निवेश तेजी से बढ़ाने की कोशिश करने की बात कही है
सऊदी अरब की कंपनी ऊर्जा उत्पादन में अपना निवेश तेजी से बढ़ाने की कोशिश करने की बात कही है। आपको याद होगा कि कोरोना महामारी के दौरान वैश्विक ऊर्जा बाज़ार में डिमांड और सप्लाई पर बुरा असर पड़ा था और तेल की कीमतों में कमी दर्ज की गई है।
कोरोना महामारी के दौरान अरामको के मुनाफे में भारी गिरावट आई थी
यही वह समय था जब अरामको के मुनाफे में भारी गिरावट आई थी। लेकिन यह दौर अधिक दिन तक नहीं चला और वर्ष 2021 में कंपनी का मुनाफा दोगुना हो गया। जिससे उत्साहित होकर कहा है कि वो इस साल अपना पूंजीगत व्यय 45 से 50 अरब डॉलर बढ़ाने वाला है और साथ में यह भी बता दें कि कंपनी के खर्च में ये वृद्धि 2025 तक जारी रहेगी।
यूक्रेन युद्ध के कारण भी ऊर्जा की आपूर्ति पर अतिरिक्त दबाव पड़ा है
अभी फिलहाल की बात करें तो तेल की कीमतें काफी बढ़ी हैं क्योंकि आपूर्ति की तुलना में मांग अधिक है। यूक्रेन युद्ध के कारण भी ऊर्जा की आपूर्ति पर अतिरिक्त दबाव पड़ा है। सऊदी अरब तेल उत्पादक देशों के समूह ओपेक में सबसे बड़ा उत्पादक है और अभी फिलहाल तेल की क़ीमतें पिछले 14 सालों के उच्चतम स्तर पर है।