कोरोना वायरस और गर्मी को लेकर कई प्रकार की भ्रांतियां लगातार फैल रही हैं, अधिकतर गलत जानकारी यूनिसेफ के नाम पर अत्यधिक ठंडी और अत्यधिक गर्मी में कोरोनावायरस के खत्म हो जाने की बात को लेकर फैला हुआ है.
इसी बीच हमारे सहयोगी ने डब्ल्यूएचओ से बात कर इस मामले में अस्पष्टता जानने की कोशिश की जिसमें गर्म पानी से नहाने जैसे मिथकों को झूठ बताया गया. डब्ल्यूएचओ ने कुछ इस प्रकार की जानकारियां साझा की हैं.
“आपका सामान्य शरीर का तापमान लगभग 36.5 डिग्री सेल्सियस से लेकर 33 डिग्री सेल्सियस तक होता है इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने डिग्री पर गर्म किए हुए पानी से आप नहा रहे हैं, शरीर के अंदर बने सिस्टम अपने तापमान को हमेशा अपने अनुरूप रखने के लिए कार्य करते रहते हैं उसे बाहरी तरीकों से बदलने की कोशिश बेकार है और अगर शरीर के अंदर के तापमान के साथ छेड़छाड़ होती हैं तो वह शरीर के लिए हमेशा नुकसानदायक होता है.”
क्या फैला है मिथक.
गलत जानकारी के रूप में हर जगह या बात और फैल रही है कि अत्याधिक गर्मी या तापमान बढ़ने के साथ वायरस का खतरा खत्म हो जाएगा, जिसके वजह से लोगों को धूप में रहने की बात फैलाई जा रही है, गर्म पानी से लोगों को नहाने की बात फैलाई जा रही है.
डब्ल्यूएचओ ने बताया क्या है असल उपाय.
इससे बचने का सबसे बेहतर तरीका यह है कि आप अपने हाथों को ज्यादा से ज्यादा बार साफ करें जिससे कि वायरस आपके हाथ पर नाटिका और इन्फेक्शन का खतरा कम से कम हो, इसके लिए हैंड सैनिटाइजर या साबुन का प्रयोग करें.GulfHindi.com
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