जोशीमठ में आई दरारें पूरे देश भर में चर्चा का विषय बन गई है. प्रकृति को नजरअंदाज कर विकास के नाम पर उसका दोहन करना अब समय के साथ भारी पड़ता दिख रहा है. जोशीमठ के दरार पड़े इलाकों को अब आपदा ग्रस्त इलाका घोषित कर दिया गया है.
जारी किए गए नए गाइडलाइन.
जोशीमठ में आई दरार के बाद से विशेषज्ञों की टीम ने मुआयना किया और दरार आए क्षेत्र को आपदा ग्रस्त घोषित कर उस इलाके में मौजूद सारे होटल और निवास स्थलों को धराशाई करने का आदेश दिया है. लोगों को सुरक्षित रखने के लिए अलग जगह पर निवास दिया जाएगा वही जो इलाके जोशीमठ के बिना दरार के हैं वहां पर घर बनाने के लिए गाइडलाइन जारी किए जाएंगे तब तक हर प्रकार के निर्माण पर रोक लगा दिया गया है.
जोशीमठ धँसा तो इन सारे इलाके में जाना होगा मुश्किल.
जोशीमठ केवल एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक जगह ही नहीं है बल्कि कई जगह जाने के लिए पड़ाव स्थल और रूट का भी काम करता है. अगर जोशीमठ के साथ कुछ होता है तो कई ऐसे इलाके हैं जहां केवल लोगों को ही नहीं बल्कि सेना को भी जाने में दिक्कत हो जाएगी.
जोशीमठ से गुजरता हैं यह सारा महत्वपूर्ण पड़ाव.
- आदि शंकराचार्य ने यहीं कल्पवृक्ष के नीचे तप कर ज्ञान प्राप्त किया यहीं से उन्होंने देश के चारों कोनों में चार मठों की स्थापना की
- आदि शंकराचार्य ने इसे भगवान बदरी नारायण के शीतकालीन गद्दीस्थल के रूप में प्रतिष्ठित किया जोशीमठ का उल्लेख स्कंद पुराण, विष्णु पुराण, शिव पुराण में भी है
- बदरीनाथ धाम व हेमकुंड साहिब यात्रा का मुख्य पड़ाव
- यहीं से फूलों की घाटी व विश्व प्रसिद्ध स्कीइंग स्थल औली का रास्ता है
- चीन सीमा से लगी नीती और माणा घाटी के लिए सैन्य गतिविधियों का संचालन केंद्र