ऑटोमोबाइल सेक्टर में चल रहे इलेक्ट्रिक गाड़ियों के उत्पादन को लेकर सरकार ने नया सख्त रवैया अपनाया है. जल्द ही सरकार के द्वारा जारी किए गए नए आदेश के तहत इन गाड़ियों के कीमतों में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. सरकार ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) को लेकर बड़ा आदेश जारी किया है.
अभी तक इलेक्ट्रिक गाड़ियों के उत्पादन के नाम पर कई कंपनियां बाहर से कलपुर्जे मंगा कर उसे भारत में असेंबल कर मेड इन इंडिया का लोगो लगाकर लोगों को बेच रहे थे. सरकार ने ऐसी कंपनियों पर सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा है. बाहर से सामान मंगा कर केवल असेंबल करके बाजार में नया ब्रांड उतार कर कंपनियां लोगों को और सुरक्षित गाड़ियां मुहैया करा रही हैं और कई जगह इसको लेकर दुर्घटनाएं हो चुकी हैं.
50% काम करना होगा भारत के भीतर.
सरकार ने उन सारे कंपनियों को साफ निर्देश दिया है कि उन्हें प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव स्कीम का फायदा तभी मिलेगा जब वह बनाए जा रहे गाड़ियों में 50% वैल्यू ऐड करेंगे. अर्थात उन गाड़ियों में 50% चीजों का निर्माण खुद देश के भीतर होना पड़ेगा अन्यथा इन गाड़ियों को इंसेंटिव और अन्य स्कीम की सुविधाएं नहीं मिलेंगी.
महंगा हो जाएगा तुरंत इलेक्ट्रिक गाड़ी.
अगर इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन कंपनी आदेश का पालन नहीं करती हैं तो उन्हें स्कीम और सब्सिडी के तहत मिलने वाले पैसे छोड़ने पड़ेंगे. अगर ऐसी स्थिति आती है तो लगभग गाड़ियों के मौजूदा कीमत से कम से कम डेढ़ गुना देकर ग्राहकों को खरीदना पड़ेगा.
ऐसी स्थिति में ज्यादा संभव है कि ग्राहक पहले से जमे दूसरे कंपनियों के वाहनों को खरीदना ज्यादा पसंद करेंगे जो कम कीमत में बढ़िया सेवा और मानकों के अनुसार गाड़ी बना रहे हैं.