ONDC के आने के साथ ही मीडिया में धड़ल्ले से हेड लाइन में छपने शुरू हो गई हैं कि Flipkart और Amazon जैसे कंपनियों की छुट्टी करने के लिए सरकार ने नया प्लेटफार्म लांच कर दिया है. यह ठीक उसी प्रकार है जैसे UPI की लॉन्चिंग के साथ खबरें छपने शुरू हो गई थी कि अब बैंकों की जरूरत नहीं केवल मोबाइल से होगा सारा काम.
ONDC कोई सामान बेचने का ई-कॉमर्स स्टोर नहीं है.
सबसे पहले समझिए की ONDC किसी भी प्रकार से सरकार के द्वारा चालू किया गया e-Commerce वेबसाइट नहीं है. ONDC के जरिए सरकार ना ही कोई सामान बेचने जा रही है.
ONDC माध्यम है देश के अन्य e-Commerce Platform के लिए.
इस प्लेटफार्म पर Flipkart, Meesho, Amazon जैसी वेबसाइट खुद का ही सामान बेचेंगे. मौजूदा समय में Meesho, Paytm, Magicpin, MyStore, CraftsVilla इत्यादि लाइव हो चुके हैं.
ONDC और मौजूदा eCommerce सिस्टम में क्या फर्क है.
देखिए यहां समझने की जरूरत है कि पहले जब आप किसी भी सामान की खरीदारी करने के लिए किसी प्लेटफार्म पर जाते हैं तो आप उस प्लेटफार्म पर मौजूद अन्य विकल्प उस सामान से जुड़े हुए देख पाते हैं. उदाहरण के लिए Flipkart पर अगर आप कोई 5G मोबाइल देख रहे हैं तो आप Flipkart पर उपलब्ध सारे सेलर के विकल्प को देख सकते हैं. लेकिन अगर कोई विक्रेता किसी अन्य प्लेटफार्म पर हैं तो आप उसकी जानकारी Flipkart प्लेटफार्म के भीतर नहीं ले सकेंगे.
ONDC व्यवस्था अलग है इस प्रकार से.
यह नया इनीशिएटिव भारत में ई कॉमर्स सेलिंग एक्सपीरियंस को डिसेंट्रलाइज करने का है. एक ONDC प्लेटफार्म पर लॉगिन करके किसी भी प्रोडक्ट के उपलब्ध सारे विकल्प अन्य प्लेटफार्म के द्वारा भी देख सकेंगे.
इससे फायदा यह होगा कि कंपटीशन विक्रेताओं के बीच पड़ेगा और अंततः ग्राहकों को सबसे सस्ता विकल्प चुनने में आसानी होगा. साथ ही साथ अगर आप किसी कैटेगरी में कोई उत्पाद सर्च करते हैं तो ऐसी स्थिति में अन्य प्लेटफार्म पर उपलब्ध विकल्प भी दिखेंगे. उदाहरण के लिए जब आप 5G मोबाइल सर्च करेंगे तब आपको केवल Flipkart और Amazon ही नहीं बल्कि किसी लोकल वेंडर के द्वारा भी अपलोड किया गया देसी मैनफैक्चरिंग वाला मोबाइल भी देख सकता है.
Seller को ONDC से होगा कैसे फायदा.
अभी मौजूदा समय में अपने उत्पाद को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बेचने के लिए विक्रेता Amazon या Flipkart जैसे प्लेटफार्म पर खुद को लिस्ट करते हैं और बिक्री के साथ ही साथ वह कमीशन भी चुकाते हैं.
ई-कॉमर्स प्लेटफार्म कंपनियां विक्रेता को यूजर बेस और बड़ा विजिबिलिटी तो देते हैं लेकिन साथ ही साथ इसके लिए विक्रेताओं को अच्छा खासा कमीशन चुकाना पड़ता है.
अब विक्रेता सीधा ONDC प्लेटफार्म पर अपने आप को लिस्ट कर सकता है और फिर अपने उत्पाद को अपने कैटेगरी में बेच सकता है. लोग 5G मोबाइल अगर सर्च करते हैं तो उन्हें Flipkart और Amazon के साथ-साथ उनके भी प्रोडक्ट की विजिबिलिटी दिखेगी.
ONDC एक डिजिटल मॉल के जैसा है जहां पर Flipkart, Amazon के साथ-साथ लोकल वेंडर की भी दुकानें हैं. सबसे खास बात यह है कि इस डिस्टर्ब मॉल में सबको समान वरीयता मिली हुई होगी और लोगों के स्टॉल उतने ही चमकेंगे जितना उनके उत्पाद की रेटिंग और प्रोडक्ट में दम होगा.
ऐसा कतई नहीं है कि इस प्लेटफार्म के आने की वजह से Flipkart और अन्य ई-कॉमर्स कंपनियां मार्केट से बाहर हो जाएंगे बल्कि एक नया कंपटीशन का दौर शुरू होगा जहां सही कीमत पर ज्यादा विकल्प उपभोक्ताओं को सुनिश्चित होगा.