आरामदायक ट्रेन यात्रा के लिए एक कन्फर्म टिकट की आवश्यकता होती है। यदि आप एक लंबा रास्ता तय कर रहे हैं तो यह जरूरी है। हालांकि लंबी वेटिंग लिस्ट होने की वजह से ट्रेन का टिकट आसानी से कन्फर्म नहीं हो पाता है।
नतीजतन, कई यात्री तुरंत कोटे से टिकट खरीदते हैं। इसके अलावा महिलाओं और वरिष्ठ नागरिक कोटा के माध्यम से बुकिंग की जाती है। ये सभी कोटे हैं जिनकी जानकारी आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर उपलब्ध है। लेकिन भारतीय रेलवे में कई कोटे ऐसे हैं जिनकी मदद से कन्फर्म टिकट हासिल किया जा सकता है।
भारतीय रेलवे में लगभग 19 प्रकार के कोटा हैं। इनमें से ज्यादातर लोग जनरल कोटे और तत्काल कोटे में टिकट खरीदते हैं। इसके अलावा वीआईपी कोटा, लेडीज कोटा, सीनियर सिटीजन कोटा, एचओ यानी मुख्यालय या उच्च अधिकारी समेत कई अन्य कोटा हैं। आइए जानें कि कैसे आप उनकी मदद से कन्फर्म टिकट प्राप्त कर सकते हैं।
VIP कोटा: रेलवे में सांसदों या पूर्व सांसदों को इस कोटे के तहत टिकट मिलता है। केंद्र या राज्य सरकार के मंत्री, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जज और विधायक भी इस कोटे से यात्रा कर सकते हैं।
महिला कोटा: यह कोटा अकेले यात्रा करने वाली महिला यात्रियों या 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए आरक्षित है। कुछ ट्रेनों में सेकंड सीटिंग और स्लीपर क्लास में महिला यात्रियों के लिए 6 बर्थ तय की गई हैं। बुकिंग के समय महिला कोटे में बर्थ उपलब्ध है तो आप सीधे सीट बुक करा सकते हैं।
विकलांग कोटा- दिव्यांगजन कोटा शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए आरक्षित है। उन्हें यात्रा के लिए 2 बर्थ दी गई हैं। लोअर बर्थ एक विकलांग व्यक्ति के लिए है और इसके बगल की सीट उसके साथ यात्रा करने वाले साथी यात्री के लिए है।
रक्षा कोटा यह कोटा रक्षा अधिकारियों के लिए आरक्षित है। इस कोटे से बुक किए गए टिकटों का उपयोग अक्सर स्थानांतरण के लिए, घर जाने के लिए या छुट्टी के बाद ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए किया जाता है। भारतीय रेलवे में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम द्वारा प्रमाणित 18-45 वर्ष के आयु वर्ग के बेरोजगार यात्रियों के लिए एक युवा कोटा है। इस छूट का लाभ उठाने के लिए टिकट बुकिंग के दौरान मनरेगा प्रमाण पत्र जमा करना अनिवार्य है। इसके अलावा आम यात्री अन्य कोटे का भी लाभ ले सकते हैं, लेकिन इसके लिए रेलवे कोटे से जुड़े नियमों का पालन करना होगा।