रेलवे देशभर में ट्रेनों के सुरक्षित संचालन के लिए ट्रैक के आसपास फेंसिंग करवा रहा है. कुछ सेक्शनों में ट्रैक के दोनों तरफ दीवारें बनाने की बात कर रहा है. हाल ही सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत के संचालन के बाद ये कवायद और भी तेज हो गई है.
इन सभी योजनाओं को धरातल पर आने में अभी समय लगेगा. करीब 45 दिन पहले राजस्थान में शुरू हुई वंदे भारत ट्रेन से अब तक दिल्ली से अजमेर वाया जयपुर Jaipur के बीच करीब 4-5 कैटल रन ओवर (जानवर कटने) की घटनाएं हो चुकी हैं. उधर प्रशासन ने इसे रोकने के लिए आरपीएफ और इंजीनियरिंग विभाग से ट्रैक पर विशेष निगरानी रखने के भी आदेश दिए हैं. इन ट्रेनों के पेंट्रीकार (रसोईयान) में से ट्रैक पर ही कचरा फेंका जा रहा है.
हम ट्रैक पर निगरानी कर रहे और ये कचरा फेंक रहे
रेलवे ने इंजीनियरिंग विभाग को निर्देश दिए हैं कि वंदे भारत ट्रेन के समय ट्रैक पर विशेष निगरानी करे. ऐसे में ट्रैकमैन को ट्रेन के समय पेट्रोलिंग बढ़ाने काे कहा है. लेकिन वाे लगातार प्रशासन से ट्रेनों के पेंट्रीकार द्वारा कचरा फेंकने की शिकायत कर रहे हैं. उनके द्वारा हाल ही में जयपुर Jaipur -दिल्ली रूट पर फोटो भेजकर शिकायत की गई है कि पेंट्रीकार के स्टाफ द्वारा जटवाड़ा-झर सेक्शन के बीच में यह कचरा फेंका गया है. जहां एक ओर हम वंदे भारत ट्रेनें से कैटल रन ओवर (सीआरओ) की घटनाओं को रोकने के लिए लगातार पेट्रोलिंग कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर लापरवाह स्टाफ (पेंट्रीकार/हाउसकीपिंग) द्वारा ट्रैक पर कचरा डालकर आवारा जानवरों को ट्रैक पर आने का निमंत्रण दिया जा रहा है.
अब तक यहां-यहां हुई घटनाएं
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया जयपुर Jaipur -दिल्ली रूट पर सबसे अधिक जानवरों के कटने की घटनाएं (सीआरओ) बस्सी से बांदीकुई के बीच होती हैं. यहां एक महीने में करीब 20-25 जानवरों के कटने की घटनाएं होती हैं. वहीं अलवर-बांदीकुई के बीच करीब 10-15 घटनाएं इंसानों के कटने (एच/एमआरओ) की होती हैं. जयपुर Jaipur -सवाईमाधोपुर रूट पर जयपुर Jaipur -वनस्थली निवाई के बीच सबसे अधिक रन ओवर की घटनाएं होती हैं.
इसे देखते हुए आरपीएफ द्वारा वंदे भारत ट्रेन के समय लगभग पूरे सेक्शन में वीडियोग्राफी की जा रही है ताकि ये बताया जा सके कि उनके सेक्शन से ट्रेन सुरक्षित गई है. हाल ही में रेवाड़ी से पालनपुर वाया जयपुर Jaipur के बीच ट्रैक के दोनों तरफ दीवार बनाने और फेंसिंग करने की योजना बनाई गई है. लेकिन ट्रेनों से कचरा फेंकने वालों पर रेलवे ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है.
जयपुर Jaipur -गांधीनगर के बीच ही ट्रैक पार करने के 7 अवैध रास्ते
जयपुर Jaipur -नई दिल्ली New Delhi New Delhi रूट पर ट्रेन के सुरक्षित संचालन को लेकर कई दिक्कतें हैं. सबसे बड़ी परेशानी तो ट्रैक के आसपास टूटी दीवारें/अवैध रास्ते हैं. गांधीनगर से जयपुर Jaipur के बीच ट्रैक के पास 7 अवैध रास्ते हैं. इन्हें लोग पटरी के दूसरी तरफ जाने के लिए इस्तेमाल करते हैं. इससे हादसा होने का खतरा तो है ही, वहीं ये ट्रेन की स्पीड में सबसे बड़ा ब्रेकर भी है.
आरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जयपुर Jaipur -दिल्ली रूट पर गांधीनगर से जगतपुरा के बीच एक सप्ताह में करीब 3-4 रन ओवर (लोगों के ट्रेन से कटने के हादसे) होते हैं. वहीं जयपुर Jaipur -दिल्ली के बीच बांदीकुई, बसवा, राजगढ़, अलवर Alwar Alwar में रोजाना करीब 2-3 कैटल रन ओवर (जानवरों के ट्रेन से कटने के मामले) होते हैं. ऐसे में रेलवे ने रेल लाइन के पास इन अवैध रास्तों को शीघ्र बंद नहीं किया, तो ये हादसे की बड़ी वजह बन जाएगी.
हम ट्रैक पर निगरानी कर रहे और वे लगातार कचरा फेंक रहे हैं
रेलवे ने इंजीनियरिंग विभाग को निर्देश दिए हैं कि वंदे भारत ट्रेन के समय ट्रैक पर विशेष निगरानी करे. ऐसे में ट्रैकमैन को ट्रेन के समय पैट्रोलिंग बढ़ाने काे कहा है. लेकिन वाे लगातार प्रशासन से ट्रेनों के पेंट्रीकार द्वारा कचरा फेंकने की शिकायत कर रहे हैं. उनके द्वारा हाल ही में जयपुर Jaipur -दिल्ली रूट पर फोटो भेजकर शिकायत की गई है कि पेंट्रीकार के स्टाफ द्वारा जटवाड़ा-झर सेक्शन के बीच में यह कचरा फेंका गया है. जहां एक ओर हम वंदे भारत ट्रेनें से कैटल रन ओवर (सीआरओ) की घटनाओं को रोकने के लिए लगातार पैट्रोलिंग कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर लापरवाह स्टाफ (पेंट्रीकार/हाउसकीपिंग) द्वारा ट्रैक पर कचरा डालकर आवारा जानवरों को ट्रैक पर आने का निमंत्रण दिया जा रहा है.