अगर आप भी अपने साथ पुराना जनरेटर रखते हैं तो आपके लिए महत्वपूर्ण खबर है. अभी तक आपने अगर अपना पुराना जनरेटर नहीं भेजा है तो जल्द से जल्द बेच ले अन्यथा लागू होने वाले नए कानून के बाद इसे बेचना भी काफी मुश्किल हो जाएगा.
दिल्ली एनसीआर में पढ़ रहे हैं वायु और ध्वनि प्रदूषण के वजह से एनजीटी नवंबर 2022 से पहले मैन्युफैक्चर हुए हैं जनरेटर को पूरी तरीके से प्रतिबंधित करने के लिए आदेश जारी कर रहा है. इस बाबत अधिसूचना जारी कर मंत्रालय द्वारा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित देशभर के सभी राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और समितियों के नाम लिखित आदेश जारी कर दिया गया है.
आपको बता दें कि नवंबर 2022 में प्रदूषण के रोकथाम के लिए जनरेटर को नए प्रतिबंधित सूची में डाला गया था. गाइडलाइन में कहा गया था कि व्यवसायिक और औद्योगिक कार्यों के लिए 800 मेगावाट तक ऐसे डीजल जनरेटर इस्तेमाल किए जा सकेंगे जिनमें दोहरी इंधन प्रणाली की सुविधा उपलब्ध होगी.
22 जून को जारी किए गए अधिसूचना के अनुसार देशभर में 30 जून के बाद पुरानी तकनीक से बने जनरेटर कहीं पर भी बेचे नहीं जा सकेंगे इतना ही नहीं इस तारीख तक जो भी जनरेटर भेजे गए हैं उसकी पूरी सूचना खरीदने वालों की लिस्ट सहित 31 जुलाई तक सीपीसीबी के पास जमा करानी होगी.
इस नए नियम के जारी होने के साथ ही एनजीटी कार्यवाही करने के लिए देशभर में स्वतंत्र होगा. इस्तेमाल हो रहे पुराने डीजल जनरेटर को कभी जब किया जा सकता है और साथ ही साथ उनके इस्तेमाल के ऊपर भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है.