Housing Loan कंपनी HDFC LTD का उसकी अनुषंगी एवं निजी क्षेत्र के सबसे बड़े कर्जदाता एचडीएफसी बैंक में एक जुलाई से विलय का रास्ता शुक्रवार को दोनों कंपनियों के निदेशक मंडलों की स्वीकृति मिलने के साथ साफ हो गया. शेयर बाजारों को देर शाम दी गई सूचना में कहा गया कि दोनों कंपनियों के निदेशक मंडलों की अलग अलग हुई बैठक में विलय प्रस्ताव को अंतिम स्वीकृति दी गई.
एचडीएफसी बैंक ने यह जानकारी देते हुए कहा, ‘विलय की यह योजना एक जुलाई से प्रभावी हो जाएगी.’ इसके तहत एचडीएफसी लिमिटेड का एचडीएफसी बैंक में विलय हो जाएगा और एक स्वतंत्र इकाई के तौर पर एचडीएफसी लिमिटेड का अस्तित्व खत्म हो जाएगा. इस सौदे के तहत एचडीएफसी के प्रत्येक शेयरधारक को 25 शेयरों के बदले एचडीएफसी बैंक के 42 शेयर मिलेंगे. सबसे बड़ा सौदा यह विलय देश के कंपनी जगत का सबसे बड़ा सौदा है.
इसका आकार 40 अरब डॉलर का है. एचडीएफसी बैंक ने चार अप्रैल, 2022 को देश की सबसे बड़ी आवास वित्त कंपनी एचडीएफसी का खुद में विलय करने पर सहमति जताई थी.
Reliance से भी ज़्यादा बड़ा होगा weight
इस विलय के बाद देश की एक बड़ी वित्तीय सेवा कंपनी सृजित होगी, जिसकी कुल परिसंपत्ति 18 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक होगी. नवगठित कंपनी का बीएसई के सूचकांक में भारांश रिलायंस इंडस्ट्रीज से भी अधिक हो जाएगा. फिलहाल रिलायंस का भारांश 10.4 प्रतिशत है लेकिन विलय के बाद एचडीएफसी बैंक का भारांश 14 प्रतिशत के करीब हो जाएगा.