रेलवे सुरक्षा को लेकर रेल मंत्रालय की तरफ से नए नियम ट्रेन चलाने वाले लोको पायलट के लिए जारी करा दिया गया हैं। मौजूदा समय में लगातार बढ़ रहे रेल स्पीड को लेकर जहां एक और वाहवाही लूटी जा रही है वही देश भर में बढ़ रहे हैं रेल हादसे रेलवे के तकनीक और सुरक्षा पर सवाल उठा रहे हैं।
हाल ही में हो चुके हैं बड़े से बड़े हादसे।
देश में उड़ीसा के बालेश्वर में एक बड़ा रेल हादसा हुआ और उसके बाद फिर से माल गाड़ियों की टक्कर ने प्रदेशभर को आश्चर्य में डाल दिया। इतना ही नहीं बिहार में टूटे हुए पहिए के साथ रेल गाड़ी दौड़ती रही और गनीमत यह रही कि हजारों पैसेंजर के जान बच गए।
इन सबके बीच दिल्ली हैदराबाद रूट पर अब नया बड़ा ट्रेन एक्सीडेंट को लेकर गुमनाम पत्र मिला है।
किसी गुमनाम व्यक्ति ने एक पत्र लिखकर या अंदेशा जताया है कि दिल्ली हैदराबाद दिल्ली रूट पर बालेश्वर जैसा ट्रेन त्रासदी देखने को मिल सकता है हालांकि इसके बाद राज्य सरकार और खुफिया विभाग इसकी निगरानी में लग गए हैं।
ट्रेन चलाने वाले ड्राइवर को नहीं मिलता है किसी भी चीज की छुट्टी।
मौजूदा रेलवे व्यवस्था में ट्रेन के लोको पायलट 12 घंटे तक ट्रेन चला रहे हैं जिसके कारण उन्हें पर्याप्त नींद नहीं मिल रही है और थकान अनिद्रा के साथ-साथ मानसिक तनाव भी बढ़ रहा है। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि लोको पायलट से लगातार 9 घंटे ड्यूटी ली जाती है और इस दौरान उसे किसी लंच डिनर अथवा टॉयलेट जाने की सुविधा भी उपलब्ध नहीं होती है।
रेलवे ने लाया नया नियम।
इन समस्याओं को खत्म करने के लिए रेल यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए रेलवे बोर्ड ने लोको पायलट की ट्रेन चलाने की अवधि को 9 घंटे अधिकतम निर्धारित कर दिया है। आपको बताते चलें कि इससे पहले चल रहे नियम के अनुसार रियल जब तक गंतव्य तक नहीं पहुंच जाती लोको पायलट इंजन छोड़कर नहीं जा सकता है जिसके वजह से उन्हें 16 से 18 घंटे अथवा इससे अधिक समय तक भी ड्यूटी करने पढ़ सकती थी।