प्राइवेट एयरलाइन कंपनी स्पाइसजेट विभिन्न पेमेंट और कानूनी लड़ाईयों के बीच झूल रही है। इन्हीं सब समस्याओं के बीच, कंपनी की अगामी बोर्ड मीटिंग 12 जुलाई को होने वाली है। इस बोर्ड मीटिंग में, इक्विटी शेयरों या अन्य माध्यम से नई पूंजी जुटाने पर विचार किया जाएगा।
नई पूंजी की तलाश
स्पाइसजेट ने शेयर बाजार को इस तथ्य की जानकारी दी है कि पूंजी जुटाने की योजना कंपनी के शेयरधारकों और लागू नियामक मंजूरी पर निर्भर होगी। वाणिज्यिक प्रस्तावित वित्त पोषण के आकलन के पीछे की सोच यह है कि यदि कंपनी को नई पूंजी मिल जाए, तो यह अपनी वित्तीय समस्याओं का सामना करने में सक्षम होगी।
विभिन्न मोर्चों पर संकट
स्पाइसजेट विभिन्न मोर्चों पर संकट का सामना कर रही है। हाल ही में विमान पट्टे पर देने वाली कंपनी एयरकैसल ने स्पाइसजेट के खिलाफ बकाया भुगतान न करने का दावा करते हुए एक नई दिवालिया याचिका दायर की है। यह स्पाइसजेट के खिलाफ दायर किया गया तीसरा दिवालिया मामला है।
कानूनी मोर्चे पर संकट
कंपनी कानूनी मोर्चे पर भी संकट का सामना कर रही है। भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी के पूर्व प्रमोटर कलानिधि मारन को ₹380 करोड़ की पूरी मध्यस्थता राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया। इसके अलावा, लंदन की एक अदालत ने स्पाइसजेट को दो विमान पट्टे देने वाली कंपनियों, जीएएसएल आयरलैंड और वीएस एमएसएन को 15 मिलियन डॉलर का भुगतान करने का आदेश दिया।
कोविड के चलते वित्तीय संकट
स्पाइसजेट गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रही है और कोविड-19 महामारी के कारण इसे भारी नुकसान उठाना पड़ा है। उम्मीद है कि अगामी बोर्ड मीटिंग में कंपनी के वित्तीय संकट को कम करने के उपायों पर चर्चा होगी।
अगले कुछ समय में स्पाइसजेट का भविष्य इन्ही फैसलों पर निर्भर करेगा जो की इसकी बोर्ड मीटिंग में लिए जाएंगे।
संकट में स्पाइसजेट: महत्वपूर्ण तथ्य
तिथि | घटना | परिणाम |
---|---|---|
12 जुलाई | बोर्ड मीटिंग | पूंजी जुटाने के तरीके पर विचार |
हाल ही में | दिवालिया याचिका दायर | तीसरा दिवालिया मामला स्पाइसजेट के खिलाफ |
शुक्रवार | कानूनी निर्देश | ₹380 करोड़ की मध्यस्थता राशि का भुगतान |
लंदन | अदालत का निर्देश | 15 मिलियन डॉलर का भुगतान |
कोविड-19 | प्रभाव | भारी नुकसान और वित्तीय संकट |