Delhi: दिल्ली की यमुना नदी का जलस्तर फिर से खतरे के निशान से ऊपर पहुंचने वाला है। यमुना के जलस्तर में वृद्धि की समस्या लगातार बनी हुई है, जिसे मौसम विभाग द्वारा बारिश की भविष्यवाणी ने और भी बढ़ा दिया है।
जलस्तर में बढ़ोतरी का कारण
यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आ गया था, लेकिन कुछ घंटे बाद ही फिर से बढ़ गया था। इसका प्रमुख कारण हथनी कुंड बैराज से छोड़े जा रहे पानी की मात्रा और दिल्ली के नालों से सीवेज का पानी पहुंचना है।
मौसम विभाग की भविष्यवाणी
मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में आने वाले कुछ दिनों में वर्षा होने की संभावना है। यदि इन क्षेत्रों में अधिक वर्षा होती है, तो दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर और भी बढ़ सकता है।
महत्वपूर्ण जानकारी
समय | यमुना नदी का जलस्तर (मीटर) |
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बृहस्पतिवार सुबह | 205.33 |
शुक्रवार दोपहर | 205.34 |
शाम 6 बजे | 205.34 |
पानी का स्रोत | प्रति घंटा पानी की मात्रा (हजार क्यूसेक) |
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हथनी कुंड बैराज | 30 |
प्रदेश | वर्षा की संभावना |
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हिमाचल प्रदेश | हाँ |
उत्तराखंड | हाँ |
गाद से हो रही परेशानी आइटीओ बैराज के कुल 32 गेटों में से तीन गेट अभी भी बंद हैं। हालांकि, बैराज के पांच गेट कई वर्षों से बंद थे 13 जुलाई से इन्हें खोलने का प्रयास किया जा रहा है। दो गेट खुल गए हैं। सेना, नौसेना और हरियाणा सरकार के सिंचाई व बाद नियंत्रण विभाग की टीम अन्य तीन गेट खोलने में जुटी है। गेट के चारों ओर गाद जमा होने और यमुना में पानी ज्यादा होने के कारण इसे खोलने में परेशानी हो रही है। रिंग रोड पर शांतिवन से राजघाट तक जमा पानी निकलने से यातायात की परेशानी दूर हो गई है।