भारत अंतरिक्ष को फतेह करने निकला
भारत के Indian Space Research Organization (ISRO) ने Chandrayan-3 के सफल लॉन्चिंग के साथ विश्व में इतिहास रख दिया है। इसके अलावा ADITYA -L1 भी सूरज के रहस्यों का पता लगाने के लिए भेजा जा चुका है। भारत में अब अंतरिक्ष को जीतने की तैयारी कर ली है।
Chandrayan-3 की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग के साथ ही हमें चांद के कई राज पता चलें हैं। चंद्रमा का तापमान से लेकर ऑक्सीजन की चमत्कारिक खोज वाकई में दिलचस्प है।
विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने मिलकर किए कई शानदार और ऐतिहासिक खोज
अब तक विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने मिलकर किए कई शानदार और ऐतिहासिक खोज किए हैं। ISRO chief S. Somnath ने कहा है कि साउथ पोल को इसलिए चुना गया है क्योंकि वहां पर कम सनलाइट पहुंचती है और वहां मानव को बसाने को संभावना हो सकती है।
तापमान की मिली जानकारी
चांद पर सबसे अहम खोजने में से एक है तापमान की जानकारी मिलना जिसमें यह पता चला है कि चंद्रमा पर -10 degree Celsius से लेकर 70 degree Celsius तक तापमान है।
इसके अलावा साउथ पोल के नजदीक Sulphur (S), Aluminum (Al), Calcium (Ca), Iron (Fe), Chromium (Cr), Titanium (Ti), Manganese (Mn), Oxygen (O) और Silicon (Si) भी मिले हैं।
Chandrayaan-3 Mission:
🇮🇳Vikram soft-landed on 🌖, again!Vikram Lander exceeded its mission objectives. It successfully underwent a hop experiment.
On command, it fired the engines, elevated itself by about 40 cm as expected and landed safely at a distance of 30 – 40 cm away.… pic.twitter.com/T63t3MVUvI
— ISRO (@isro) September 4, 2023
गुजरना होगा अंधेरे से, क्या अंधेरे के बाद भी काम करेगा लैंडर?
दरअसल, चांद पर एक दिन धरती के करीब 15 दिन के बराबर है। ऐसे में अब अगले 15 दिन तक लैंडर को अंधेरे में रहना होगा। अंधेरे के बाद भी काम करने को लेकर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। रोवर और लैंडर में सोलर पैनल लगाए गए हैं जिसके कारण सूर्य की रोशनी से चार्ज होकर वह काम करते हैं। इसलिए 15 दिन के अंधेरे के बाद वह काम करेंगे या नहीं इसपर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। लेकिन अगर ऐसा होता है तो यह भारतीयों के सफल लैंडिंग की खुशी में चार चांद लग जायेगा।
चांद पर अब फिर कब होगा सूर्योदय?
चांद पर अब अगला सूर्योदय 20 सितंबर को हो सकता है। वहीं साउथ पोल पर जहां हमारा लैंडर है, वहां सूरज की किरणें 22 सितंबर को होने की उम्मीद है। ऐसे में प्रज्ञान रोवर को स्लीप मोड में भेज दिया गया है और लैंडर को भी स्लीप मोड में भेजा जाएगा। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि चांद पर अगला नया सूर्योदय हम भारतीयों के लिए एक नया ऐतिहासिक सवेरा लेकर आए।
Chandrayaan-3 Mission:
Vikram Lander is set into sleep mode around 08:00 Hrs. IST today.Prior to that, in-situ experiments by ChaSTE, RAMBHA-LP and ILSA payloads are performed at the new location. The data collected is received at the Earth.
Payloads are now switched off.… pic.twitter.com/vwOWLcbm6P— ISRO (@isro) September 4, 2023