देश के सबसे बड़े ग्लोबल इवेंट जी-20 शिखर सम्मेलन से ठीक एक दिन पहले भारत-अमेरिका के बीच कई बड़े करार को लेकर सहमति बनी। शुक्रवार शाम करीब 7 बजे पालम एयरपोर्ट पर उतरे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक घंटे बाद ही रात 8 बजे पीएम आवास पर नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस द्विपक्षीय वार्ता में रक्षा, शिक्षा, अंतरिक्ष, टेक्नोलॉजी आदि कई क्षेत्रों में आपसी सहमति पर मुहर लगी। 5जी और 6 जी टेक्नोलॉजी के लिए करार हुआ। ये वेंडर और ऑपरेटर के बीच पब्लिक प्राइवेट कॉपरेशन के तहत होगा। टास्क फोर्स का गठन होगा।
• 31 जनरल एटॉमिक्स एमक्यू-१बी खरीदने पर मुहर । इन मानवरहित वायुयानों में 16 हवाई और 15 समुद्र की सुरक्षा के लिए होंगे। इससे सैन्य बलों की निगरानी क्षमता बढ़ेगी।
• छोटे मॉड्यूलर परमाणु रिएक्टर बनाने की तकनीक में भी सहयोग पर सहमति | अमेरिका ने परमाणु आपूर्तिकर्ता ग्रुप में भारत की सदस्यता का समर्थन किया।
• अक्षय ऊर्जा को लेकर होने वाले नए प्रयोगों में भी दोनों देशों में सहयोग, निवेश, ट्रेनिंग प्रोग्राम और स्किल डेवलपमेंट पर मुहर लगाई गई है।
• भारत-अमेरिका डिफेंस एक्सीलरेशन इकोसिस्टम (इंडस-एक्स) के जरिए रक्षा क्षेत्र में स्टार्ट अप को भी शामिल किया जाएगा। आईआईटी कानपुर, आईआईटी हैदराबाद और अमेरिका की पेन यूनिवर्सिटी सहयोग करेगी। जीई एयरोस्पेस और एचएएल के बिल्डर्स के बीच करार के बाद अमेरिका भारत में रिपेयर और ओवरहॉल क्षमता के विकास में और मदद प्रदान करेगा।
• ट्रांसपोर्ट सेक्टर में कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के विस्तार का दोनों पक्षों ने स्वागत किया। अमेरिका भारतीय प्रधानमंत्री ई- बस सेवा कार्यक्रम के तहत 10 हजार मेड इन इंडिया इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध कराने में भी सहयोग देगा।
• अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सीट के लिए भारत की सदस्यता के लिए समर्थन दोहराया ।
• इनोवेशन इकोसिस्टम के लिए ‘इनोवेशन हैंडसेक’ एजेंडा बना । इसके तहत स्टार्ट अप, प्राइवेट इक्विटी, वेंचर कैपिटल कंपनियों, कॉरपोरेट इंवेस्टमेंट विभागों और सरकारी अफसरों को साथ लाएंगे।
• क्वांटम टेक्नोलॉजी में कोलकाता का बीच जीई एफ-414 के इंजन भारत में एसएन बोस सेंटर डेवलपमेंट कन्सोर्शियम बनाने की प्रगति की समीक्षा की गई।
• यूएस नेवी और मझगांव डॉक शिप में शामिल। आईआईटी बम्बई व शिकागो क्वांटम एक्सचेंज ग्लोबल पार्टनर बनेंगे।