केंद्र सरकार ने देश की आईटी हार्डवेयर की मांग को पूरा करने और गैर-भरोसेमंद स्रोतों से आयात पर निर्भरता में कटौती करने की योजना बनाई है। इसकी घोषणा इलेक्ट्रॉनिक्स राज्य मंत्री और आईटी राजीव चंद्रशेखर ने की। वर्तमान में, आईटी हार्डवेयर की 80 प्रतिशत आपूर्ति आयात से होती है, जबकि आवश्यकता का केवल 8-10 प्रतिशत भारत से होता है। सरकार इसे आने वाले तीन वर्षों में 65-70 प्रतिशत बढ़ाना चाहती है।
करीब 40 कंपनियों ने आईटी हार्डवेयर पीएलआई योजना के तहत पर्सनल कंप्यूटर, लैपटॉप, टैबलेट, सर्वर और अन्य उपकरण बनाने के लिए कारखाने स्थापित करने के लिए आवेदन किया है।
योजना अवधि के दौरान मूल्य लगभग 4.65 लाख करोड़ रुपये बैठेगा। इसके साथ ही सरकार गैर-भरोसेमंद स्रोतों से आयात पर निर्भरता कम करने की रणनीति के हिस्से के रूप में आईटी हार्डवेयर आयात नियमों के मसौदे पर चर्चा करेगी।
चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा बढ़ गया है और किसी भी स्थिति में एशियाई पड़ोसी से आयात कम करने की आवश्यकता है। सरकार ने आयात पर रोक लगाने की घोषणा की है और नई लाइसेंसिंग व्यवस्था लागू होने से पहले, 31 अक्टूबर तक तीन महीने की अवधि दी है।
आयात खेप को बिना लाइसेंस के 31 अक्टूबर तक मंजूरी दी जा सकती है और नवंबर से आयात की मंजूरी के लिए सरकारी परमिट की आवश्यकता होगी। यह आयात प्रतिबंधों से एप्पल और सैमसंग जैसी प्रौद्योगिकी कंपनियों पर भी असर पड़ने की उम्मीद है।