रेलवे पटरी का लोहा बहुत भारी होता है। एक मीटर लंबी रेलवे पटरी का वजन लगभग 40 से 60 किलोग्राम होता है। इतना भारी लोहा चोरी करना और कहीं ले जाना बहुत मुश्किल है। रेलवे पटरी पर रखी जाने वाली लोहा की ब्लॉक बहुत बड़े और भारी होती है, जिसके लिए विशेष उपकरण और वाहन की आवश्यकता होती है।
रेलवे पटरी को बहुत मजबूत बनाया जाता है। रेलवे पटरी को ट्रेन के भारी वजन को सहन करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है। इसे काटना या तोड़ना बहुत मुश्किल है।पटरियों में पूरी तरह से लोहा होता ही नहीं. रेलवे ट्रैक्स को खास तरीके की स्टील से बनाया जाता है, जिसमें मैंग्नीज मौजूद होता है.
इस स्टील में 12% मैंग्नीज और 0.8% कार्बन होता है. इन मेटल्स की वजह से उसपर आयरन ऑक्साइड नहीं बन पाता और पटरियां जंग से बची रहती हैं। रेलवे पटरी पर लोहे का मूल्य अच्छा नहीं होता और जब कोई इन्हे मार्केट में बेचने निकलेगा तब उसे कोई अच्छी कीमत भी नहीं मिलेगी
रेलवे पटरी पर सुरक्षा के लिए कई उपाय किए जाते हैं। रेलवे पटरी पर सीसीटीवी कैमरे, गार्ड और अन्य सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं। इन सुरक्षा उपायों से चोरों को पकड़ा जाना आसान हो जाता है।
ट्रेन गति: ट्रेनें आसपास आती जाती रहती हैं, और इससे चोरी करना खतरनाक हो सकता है।
Special certified marks: जहां से रेलवे में यूज होने वाले लोहे खरीदे जाते है वही से उन पर स्पेशल certified marks डाल दिए जाते है, रेलवे के अलावा कोई भी आदमी उसे खरीद या बेच नहीं सकता
सबसे आखिर मे मै अपना opinion देना चाहूंगा कि उधारण के लिए मान लेते है कि कोई रेलवे पटरी को काटने, उखाड़ने और अपने साथ ले जाने में कामयाब हो जाता हैं, तो कुछ समय में इस पटरी पर आने ट्रेन पलट जायेगी और जान और माल का भारी नुकसान होगा। और यह मुद्दा कई दिनों तक सुर्खियों में रहेगा।जिस पर देश की कई agencies enquiry में लग जायेगी। और फिर शायद ऐसा मुमकिन नहीं की पटरी काटने वाले बच जाए