केरल के एक दूरदराज गांव की 70 वर्षीय दादी लीला जोस पी ने दुबई में स्काईडाइविंग का अपना पुराना सपना पूरा कर सारी पुरानी धारणाओं को तोड़ दिया है। जब दुबई के मशहूर स्काईलाइन के ऊपर से उनके टैंडम स्काईडाइव का वीडियो सामने तो लीला जोस पी सुर्खियों में छा गईं।
यह रोमांचक कारनामा उनकी नियमित दुबई यात्राओं में से एक के दौरान हुआ, जब वे अपने प्रवासी बेटे अनीश पी. जोस के परिवार से मिलने आई थीं। पति के छह साल पहले निधन के बाद से लीला अक्सर दुबई आती रहती हैं। उन्होंने कहा, मैंने केवल लोगों को विमान से कूदते हुए सुना था… मुझे नहीं पता था कि इसे स्काईडाइविंग कहते हैं। तभी मैंने सोचा था कि मुझे भी ऐसा करना है।
परिवार का समर्थन
लीला ने अपनी उम्र को अपने सपनों के आगे नहीं आने दिया। अगली बार दुबई आने पर, जब परिवार ऐन दुबई के पास ड्रोन शो देख रहा था तभी लीला ने बेटे अनीश और बहू लिंटू से स्काईडाइविंग का ज़िक्र किया। अनीश, जो एक डिमोलिशन कंपनी में काम करता है, पहले तो चौंक गया। उन्होंने पूछा “क्या आप सच में करना चाहती हैं?” लीला ने तुरंत कहा, “अगर आप इजाज़त दें तो मैं करूंगी।”
बहू लिंटू ने भी उन्हें प्रोत्साहित किया। बहू ने कहा, अम्माची (माँ) तब तक नहीं कहेंगी जब तक वह सच में नहीं चाहतीं।
अनीश ने उसी रात स्काइडाइव दुबई से संपर्क किया और अगले दिन माँ को वहां ले गए। लीला ने बताया कि “शुरू में हमें यक़ीन नहीं था कि वे 70 साल की प्रतिभागी को स्वीकार करेंगे। जब वे पहुंचीं तो स्टाफ़ को लगा कि अनीश कूदने वाला है। “जब प्रशिक्षक रयान को पता चला कि मैं कूदने वाली हूं, उन्होंने पूछा कि क्या मैं वाक़ई तैयार हूं। मैंने मलयालम में कहा, ‘मेरी उम्र कोई मुद्दा नहीं, मैं कूदना चाहती हूं।’”
छलांग का रोमांच
उड़ान भरने से पहले प्रशिक्षक ने कई बार उनकी तैयारी सुनिश्चित की। बैच में चार युवा थे, जिनके बीच लीला को थोड़ी झिझक महसूस हुई, लेकिन उनका संकल्प अडिग रहा। विमान में सबसे पहले चढ़ीं लीला आख़िर में कूदीं। उन्होंने मैंने नीचे देखा तो लड़के दिख ही नहीं रहे थे, सोच रही थी वे इतने जल्दी कैसे गायब हो गए। 13,000 फ़ुट की ऊंचाई से लगभग 7,000 फ़ुट का फ्रीफॉल हुआ। “फिर मैंने समुद्र देखा। सोचा अगर कुछ हुआ तो पानी में कूद जाऊंगी और तैर लूंगी, मुझे तैरना आता है।” लगभग 6,000 फ़ुट पर पैराशूट खुला और दुबई का अद्भुत नज़ारा दिखाई दिया। यह बेहद खूबसूरत दृश्य था। प्रशिक्षक ने पाम जुमेराह और बुर्ज खलीफा जैसे स्थलों की ओर इशारा करते हुए उन्हें दृश्य दिखाए।
पूरी तरह जीने का संदेश
लीला ने कहा, “मैं बस एक गृहिणी हूं। मेरे पति बैंक अधिकारी थे और बहुत अच्छे इंसान थे। मैंने हमेशा रोमांच पसंद किया है। गांव के त्योहारों में हर झूले की सवारी करती थी। मेरे पति मेरी इच्छाएं पूरी करते थे, अब मेरा बेटा वही करता है।” यह उनका पहला रोमांचक अनुभव नहीं है। इससे पहले वे वायनाड में ज़िपलाइनिंग और फुजैरा में पैराग्लाइडिंग कर चुकी हैं। जब उन्होंने यह कहानी उन पड़ोसियों को सुनाई जिन्होंने पहले उनका मज़ाक उड़ाया था, “वे हैरान रह गए,” वह हँसीं। उनका वीडियो सोशल मीडिया और फिर स्थानीय मीडिया में वायरल हो गया।
सपनों की कोई उम्र नहीं
लीला ने जीवन को पूरी तरह जीने का संदेश दिया: “मैंने दो बच्चों को पाला है और अब दो पोते-पोतियां हैं। जो समय अब मिला है वह बोनस है। डरने की कोई वजह नहीं।” उनका अगला सपना? “मैं अंतरिक्ष जाने के लिए भी तैयार हूं क्योंकि सपनों की कोई उम्र नहीं होती है।




