आंध्र प्रदेश के कुर्नूल जिले से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया, जहां एक व्यक्ति ने अपने बच्चे के शव को नहर में फेंक दिया, क्योंकि गांव के बुजुर्गों ने उसे गाँव में अंतिम संस्कार नहीं करने दिया। दरअसल गांव के लोगों को शक था कि बच्चे की मौत कोरोना संक्रमण के चलते हुई है। ऐसे हालातों में लोगों ने बच्चे का अंतिम संस्कार नहीं करने दिया, तो परेशान व्यक्ति ने शव को गांव की ही एक नहर में फेंक दिया।

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वहीं इस मामले की जांच कर रहे नंदयाल पुलिस स्टेशन के उप-निरीक्षक सुधाकर रेड्डी ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया कि, “आरोपी की पहचान शंशा वली के रूप में की गई है। वह कुरनूल जिले के सिरिवेल मंडल के कोटपाडु गांव के निवासी हैं। वली ने अपनी पत्नी, मदार बी को शुक्रवार सुबह प्रसव के लिए नांदयाल के सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया। इसके बाद उसकी पत्नी ने उसी दिन शाम को एक बच्ची को जन्म दिया, जिसकी मौत हो गई।”

पुलिस ने बताया कि इसके बाद वालि ने बच्ची का गांव में अंतिम संस्कार करने की कोशिश की, लेकिन गांव के बुजुर्गों ने उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं दी क्योंकि उन्हें संदेह था कि बच्चे को COVID-19 संक्रमण है। गांव वालों से परेशान होकर वली ने शव को चोलबू गांव के पास कुरनूल-कडप्पा नहर में फेंक दिया।

इसके बाद स्थानीय निवासियों ने 18 जुलाई की सुबह नहर में शव तैरता हुआ पाया और पुलिस को इसकी सूचना दी। जांच के दौरान, पुलिस को बच्ची के शव के हाथ पर लगे एक टैग से बच्ची की पहचान करने में सहायता मिली। इसके बाद उन्होंने वली और उसके परिवार से संपर्क किया और शव सौंप दिया। बाद में परिजन अंतिम संस्कार के लिए शव को उनके गांव ले गए।

वहीं इसके बाद पुलिस ने कहा कि उन्होंने वली के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया है क्योंकि मृतक एक बच्ची थी और गांव वालों ने बच्ची का अंतिम संस्कार नहीं करने दिया था।GulfHindi.com

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