संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में केरल की कुछ भारतीय प्रवासी महिलाओं की हाल में हुई दुखद मौतों के बाद, इंडियन एसोसिएशन शारजाह (IAS) ने प्रवासी परिवारों की मदद के लिए एक नया प्लेटफॉर्म शुरू करने का ऐलान किया है, जिसका मकसद पारिवारिक झगड़ों और तनावों को समय पर सुलझाना है।
IAS के अध्यक्ष निसार थलंगारा ने बताया कि अब से हर शनिवार को IAS कार्यालय में ‘फैमिली विवाद समाधान सत्र’ (Family Dispute Redressal Session) आयोजित किया जाएगा। इस पहल की शुरुआत 2 अगस्त से की जाएगी।
यह ऐलान बुधवार को शारजाह स्थित IAS कार्यालय में हुई एक अहम बैठक के बाद किया गया। इस बैठक में IAS के प्रमुख सदस्यों ने शारजाह पुलिस के ‘कम्युनिटी प्रिवेंटिव एंड प्रोटेक्शन डिपार्टमेंट’ के अधिकारियों से मुलाकात की।
पुलिस प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे:
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मेजर नाज़ीर बिन अहमद
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कैप्टन घनीमा ईसा
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इंस्पेक्टर अवद मोहम्मद
बैठक में भारतीय प्रवासी समुदाय से जुड़ी समस्याओं पर गंभीर चर्चा हुई, जिनमें शामिल थे:
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पारिवारिक विवाद
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घरेलू कलह
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आत्महत्या के मामले
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घरेलू हिंसा और वैवाहिक तनाव
अधिकारियों और एसोसिएशन ने मिलकर तय किया कि ऐसी समस्याओं से निपटने के लिए समाज स्तर पर जागरूकता और आपसी संवाद की ज़रूरत है, ताकि कानूनी कार्रवाई से पहले समाधान निकाला जा सके।
शारजाह पुलिस पहले से दे रही है सहायता
शारजाह पुलिस पहले से ही अपने सोशल सर्विसेज डिपार्टमेंट / चाइल्ड एंड फैमिली प्रोटेक्शन सेंटर के जरिए घरेलू हिंसा, पारिवारिक विवाद और बच्चों से जुड़ी समस्याओं के लिए गुप्त काउंसलिंग और कानूनी सहायता देती है। एक 24/7 हेल्पलाइन (800700) भी चालू है, जिससे तुरंत मदद मिल सकती है।
IAS का नया कदम: हर शनिवार को काउंसलिंग सेशन
IAS हर शनिवार को परिवारिक विवाद समाधान सत्र शुरू करने जा रही है, जिसमें अनुभवी कम्युनिटी लीडर्स और स्कूली काउंसलर्स शामिल होंगे। IAS के तहत चलने वाले Sharjah Indian School के 15-20 काउंसलर इन सत्रों का हिस्सा होंगे।
यह सेशन सुबह और शाम में आयोजित होंगे। यदि कोई मामला काउंसलिंग के बावजूद हल नहीं होता, तो उसे दुबई स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास (Indian Consulate) को भेजा जाएगा, जो पहले से ही मुफ्त साइकोलॉजिकल काउंसलिंग देता है।
बुकिंग और हेल्पलाइन
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Indian Workers’ Resource Centre की हेल्पलाइन: 800-India (800-46342)
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यह सेवा 24×7 उपलब्ध है।
इसकी ज़रूरत क्यों पड़ी?
हाल में शारजाह में दो केरल की भारतीय प्रवासी महिलाओं की दुखद मौतें हुईं, जिससे यह मुद्दा सामने आया।
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पहले केस में, एक 32 साल की महिला ने कथित रूप से अपनी 16 महीने की बच्ची को मारने के बाद खुदकुशी कर ली।
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दूसरे केस में, अथुल्या शेखर नाम की महिला की उसके जन्मदिन पर ही रहस्यमयी हालात में मौत हुई, जब उसने अपनी नई नौकरी का पहला दिन शुरू किया था।
दोनों मामलों में परिवारों ने लंबे समय से घरेलू हिंसा का आरोप लगाया और पतियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की।
इसके बाद अथुल्या के पति को कंपनी से नौकरी से निकाल दिया गया।




