रांची: झारखंड उच्च न्यायालय ने रेलवे ट्रैक पार करते समय ट्रेन की चपेट में आने वाले यात्री को मुआवजे का हकदार माना है। उच्च न्यायालय ने यह निर्णय लिया है क्योंकि फुटओवर ब्रिज की अनुपस्थिति के कारण ही यात्री को ट्रैक पार करना पड़ा था।
जज डॉ. सुधीर कुमार ने यह निर्णय लिया है जब एक प्रकरण में रेलवे के खिलाफ मुआवजा की मांग की गई थी। पीड़ित यात्री की ओर से दावा किया गया था कि उन्हें रेलवे ट्रैक पार करने के लिए मजबूर किया गया था, क्योंकि वहां फुटओवर ब्रिज नहीं था।
यह घटना 2014 में हुई थी, जब पीड़ित यात्री एक मालगाड़ी के नीचे आ गए थे और गंभीर चोटियाँ पहुंची थीं। पीड़ित की ओर से यह दावा किया गया था कि उन्हें रेलवे प्रशासन के द्वारा उचित सुरक्षा उपाय नहीं दिए गए थे।
न्यायालय ने यह निर्णय लिया है कि रेलवे प्रशासन को यात्रियों की सुरक्षा के प्रति उत्तरदायित्व होता है और उन्हें ट्रैक पार करने के लिए सुरक्षित तरीका प्रदान करना चाहिए था। रेलवे प्रशासन की लापरवाही के कारण ही यह दुर्घटना हुई थी।
इसलिए, न्यायालय ने रेलवे प्रशासन को पीड़ित यात्री को मुआवजा देने का आदेश दिया है। यह निर्णय भी लिया गया है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे स्थानीय प्रशासन को फुटओवर ब्रिज बनाने के लिए निर्देश देंगे।