अबू धाबी स्थित लुलु रिटेल अपने शेयरधारकों को 3.5 फिल्स प्रति शेयर के हिसाब से 361.5 मिलियन दिरहम का लाभांश देगी। कंपनी ने 2025 के पहले छह महीनों में 14.68 बिलियन दिरहम से अधिक का राजस्व दर्ज किया है। इस अवधि में लुलु ने नए स्टोर खोलना जारी रखा और अपने ‘लॉट’ बजट स्टोर की शुरुआत भी की। साथ ही, कंपनी की ई-कॉमर्स बिक्री में भी वृद्धि देखी गई। 2024 की पहली छमाही में लुलु का राजस्व 13.9 बिलियन दिरहम था।
लाभ के मामले में, H1-2025 में कुल लाभ 465.7 मिलियन दिरहम रहा, जो पिछले साल के 427.1 मिलियन दिरहम से बढ़ा है। लाभांश पाने की अंतिम तारीख 20 अगस्त है। ADX पर लुलु रिटेल का शेयर वर्तमान में 1.21 दिरहम पर ट्रेड कर रहा है, जो इस साल अब तक 30% से अधिक गिर चुका है। आईपीओ की कीमत 2.04 दिरहम थी।
CEO का बयान और विस्तार योजना
लुलु रिटेल के CEO सैफी रूपवाला के अनुसार, 2025 की पहली छमाही में ग्राहक संख्या, औसत खरीदारी मूल्य और प्रति वर्ग मीटर बिक्री सभी में वृद्धि हुई, जिससे रोजाना औसतन 6,90,000 ग्राहक आए।
उन्होंने बताया कि रणनीति के अनुरूप विस्तार जारी है, जिसमें H1-2025 में सात नए स्टोर खुले और जुलाई में चार और स्टोर खुले, जिससे कुल स्टोर संख्या 259 हो गई। कंपनी के लॉयल्टी प्रोग्राम में भी वृद्धि हुई है, जिसमें दूसरी तिमाही में लगभग 1 मिलियन नए सदस्य जुड़े और कुल सदस्य संख्या 7.3 मिलियन हो गई।
UAE और KSA में प्रदर्शन
अप्रैल से जून तिमाही में लुलु की बिक्री 4.6% बढ़ी। UAE में, जो कंपनी का सबसे बड़ा बाजार है, दूसरी तिमाही में राजस्व वृद्धि 9.4% रही। खासतौर पर ताजा खाद्य पदार्थों की मजबूत मांग ने इस वृद्धि में मदद की।
लॉट बजट स्टोर और डिजिटल विस्तार
आगे बढ़ते हुए, लुलु डिजिटल और किफायती खुदरा रणनीति को कई पहलों के माध्यम से बढ़ा रहा है। कंपनी तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स हिस्से को बढ़ाने के लिए एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म पर अपनी श्रेणी को बढ़ा रही है।
‘क्विक कॉमर्स’ की शुरुआत की गई है, जिसमें औसतन 15 मिनट में डिलीवरी दी जाती है। इसके अलावा, ‘लॉट’ नामक स्टोर-इन-स्टोर वैल्यू फॉर्मेट को पेश किया गया है, जो घर के उत्पाद, किफायती फैशन और लाइफस्टाइल सेक्टर को टारगेट करता है। लॉट के तहत सभी उत्पाद 30 दिरहम से कम कीमत के हैं।
उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि बजट-केंद्रित खरीदारों को टारगेट करना लूलू के लिए दीर्घकालिक फायदे का सौदा साबित हो सकता है। UAE और GCC में किफायती खरीदारों के पास विकल्प बिखरे हुए हैं, लेकिन अगर लुलु ‘लॉट’ के माध्यम से इस सेगमेंट को सफलतापूर्वक पकड़ लेता है, तो यह राजस्व में बड़ा इजाफा कर सकता है। साथ ही, स्टोर-इन-स्टोर कॉन्सेप्ट के चलते लुलु की प्रारंभिक लागतें भी बेहतर तरीके से प्रबंधित हो सकेंगी।




