प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के माध्यम से पात्र किसान लाभार्थियों को प्रति वर्ष उनके खाते में तीन किश्तों द्वारा 6,000 रुपये की अनुदान राशि जमा की जाती है. चौंकाने वाली बात यह कि, आयकर दाताओं सहित कुछ अपात्र किसान इस योजना का लाभ उठाने की बात स्पष्ट हुई है. जिसके बाद शासन प्रशासन ने अब किसानों की पूरी जानकारी ई-केवाईसी के साथ पोर्टल पर अपलोड कर दी है.
35,000 से ज़्यादा लोगों को लौटाना होगा पैसा.
जिसमें 35 हजार 440 किसानों को अपात्र करार दिया गया है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना का लाभ पात्र लाभार्थियों के साथ ही हजारों अपात्र किसान भी ले रहे थे. इस लिए पीएम किसान योजना के सभी लाभार्थियों का सत्यापन प्रशासनस्तर पर किया जा रहा है. चूंकि प्रत्येक पात्र लाभार्थी किसान की जानकारी पोर्टल पर एकत्र कर भरी जा रही है, इससे केवल पात्र किसान खाताधारक को ही योजना का लाभ मिलेगा.
शुरू किया गया वापस पैसा वसूलने का कार्यक्रम.
वहीं अब तक ऐसे किसान जो कि अपात्र होने पश्चात भी योजना का लाभ उठा रहे थे, ऐसे किसानों के खाते बंद कर उनसे अनुदान की राशि वसुलने का कार्य चल रहा है. अनुदान की राशि का भुगतान नहीं करने पर अपात्र किसान खाताधारकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
31 दिसंबर अंतिम तिथि, अन्यथा कार्रवाई
इस योजना के तहत आयकर दाताओं सिहत नौकरीपेशा किसानों ने भी लाभ उठाया है जिोक प्रत्यक्ष रुप में अपात्र है. इस लिए अपात्र किसान योजना द्वारा आवंटित अनुदानीत राशि 31 दिसंबर तक सरकार के पास जमा करवाए, अन्यथा उन खाताधारकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, शासन प्रशासन के इस फैसले से अपात्र खाताधारकों में हड़कंप मच गया है. ऐसा नहीं करने पर लोगो को गिरफ़्तारी तक का सामना करना पर सकता है और साथ ही साथ उन पर 420 का केस भी दर्ज किया जाएगा.