अडानी समूह की उर्जा शाखा, अडानी पावर ने अपने नवीनतम सौदे के तहत वित्तीय संकटों से जूझ रही लैंको अमरकंटक पावर को खरीदने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। इस अधिग्रहण को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) से भी मंजूरी प्राप्त हो चुकी है, जिससे इस सौदे के सफल समापन की राह सुगम हो गई है।
सौदे की मुख्य विशेषताएं:
- अडानी पावर का ऑफर: अडानी पावर ने लैंको अमरकंटक पावर के लिए दिवालियापन प्रक्रिया के तहत करीब 4,000 करोड़ रुपये की पेशकश की है।
- सीसीआई की मंजूरी: भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने इस सौदे को अपनी हरी झंडी दी है, जिससे इस अधिग्रहण की प्रक्रिया में आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
अडानी की राह में चुनौतियां और प्रतिस्पर्धा:
लैंको अमरकंटक पावर को खरीदने की दौड़ में अडानी पावर के अलावा कई अन्य उद्योग दिग्गज भी शामिल थे। इस नीलामी में वेदांता के अनिल अग्रवाल, मुकेश अंबानी और नवीन जिंदल जैसे व्यापारिक शक्तिशाली लोगों ने भी रुचि दिखाई थी। हालांकि, अंततः अडानी पावर ने इस दौड़ में बाजी मारी।
इस तरह तैयार हुई अडानी की राह
लैंको अमरकंटक पावर की कॉरपोरेट इन्सॉल्वेंसी की प्रक्रिया सितंबर 2019 में शुरू हुई थी. इसके लिए सबसे पहले 2022 में अनिल अग्रवाल की कंपनी ट्विन स्टार टेक्नोलॉजीज ने 3000 करोड़ रुपये की बोली पेश की थी. बाद में पीएफसी कंसोर्टियम ने 3,020 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी. अडानी समूह ने पिछले साल नवंबर में सबसे पहले 3,650 करोड़ रुपये का ऑफर दिया था.
उसके बाद अडानी ने अपने ऑफर में सुधार करते हुए दिसंबर में उसे बढ़ाकर 4,101 करोड़ रुपये कर दिया था. वहीं नवीन जिंदल की कंपनी जिंदल पावर ने जनवरी में 4,203 करोड़ रुपये का ऑफर पेश किया था, लेकिन बाद में कंपनी ने अपनी बोली वापस ले ली थी.