दिल्ली में फ्लू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि हाल के लगभग 90% मामले इन्फ्लुएंजा से जुड़े हैं, जिनमें ज़्यादातर H3N2 (इन्फ्लुएंजा A का एक प्रकार) पाया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने शुक्रवार को बताया कि राजधानी के सभी अस्पताल इस स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
अस्पतालों ने लोगों को सतर्क करने के लिए अलर्ट जारी किया है, ताकि वे इस बीमारी, इसके लक्षण और समय पर इलाज की अहमियत को समझ सकें।
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते मामले:
एक सर्वे में 11,000 से अधिक परिवारों से जानकारी ली गई। उसमें पाया गया कि 69% घरों में कम से कम एक सदस्य बुखार, खांसी और गले में खराश जैसे लक्षणों से पीड़ित है। 37% परिवारों में चार या उससे ज्यादा लोग बीमार पाए गए, जबकि 32% में एक से तीन लोग बीमार हैं। सिर्फ 25% घरों ने कहा कि उनके यहां कोई बीमार नहीं है। मार्च 2025 की तुलना में यह संख्या कहीं ज्यादा है। कई मरीजों में बीमारी सामान्य फ्लू से अधिक गंभीर दिख रही है, बुखार लंबे समय तक रह रहा है, दवाएं जल्दी असर नहीं कर रहीं और अस्पताल में भर्ती होने के मामले भी बढ़े हैं।
H3N2 क्या है?
यह इन्फ्लुएंजा A का एक प्रकार है, जिसे WHO मौसमी फ्लू से जुड़ा मानता है। यह वायरस बहुत जल्दी फैलता है — खांसी, छींक या बात करने से हवा में फैली बूंदों के जरिए, और संक्रमित सतह छूने के बाद आंख, नाक या मुंह छूने से।
मुख्य लक्षण:
-
बुखार
-
खांसी
-
गले में खराश
-
नाक बहना या बंद होना
-
शरीर में दर्द
-
सिर दर्द
-
थकान
बच्चों में उल्टी, दस्त या मतली भी हो सकती है। गंभीर मामलों में यह निमोनिया का कारण बन सकता है, खासकर बुजुर्गों, छोटे बच्चों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में।
यूएई से दिल्ली आने वाले यात्रियों के लिए सलाह:
-
यात्रा से पहले फ्लू का टीका लगवाएं।
-
भीड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें।
-
हाथ बार-बार धोएं और सैनिटाइज़र का उपयोग करें।
-
बीमार व्यक्ति से दूरी बनाए रखें।
-
बुखार, खांसी या शरीर में दर्द होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
इलाज और रिकवरी:
ज़्यादातर लोग 1-2 हफ्तों में आराम कर जाते हैं। शुरुआती 48 घंटों में एंटीवायरल दवा लेने से बीमारी की गंभीरता कम हो सकती है। अगर लक्षण तीन दिन से ज्यादा रहें या बिगड़ें तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना ज़रूरी है। पर्याप्त पानी पीना, पौष्टिक भोजन और मास्क पहनना भी रिकवरी में मदद करते हैं।
निष्कर्ष:
दिल्ली के अस्पताल तैयार हैं, लेकिन यूएई से आने वाले यात्रियों को सतर्क रहना चाहिए। H3N2 के लक्षण पहचानें और सावधानियां बरतें, ताकि बीमारी से बचाव हो सके और यात्रा सुरक्षित रहे।




