इजरायल और ईरान के बीच तनाव की बढ़ती स्थिति का असर दूसरों देशों के लोगों पर भी पड़ रहा है. दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए मध्यपूर्व में एयरपोर्ट्स को बंद कर दिया गया है. इजरायली हमले के बाद ईरान में फंसे अफगान कारोबारी ने बताया मैं होटल के बेसमेंट में छिपा हूं, कोई घर लौटने का रास्ता नहीं है. जब इजरायली ड्रोन ईरान के क़ुम प्रांत में उस होटल के पास गिरे जहां 55 वर्षीय अफगान व्यापारी ऐमल हुसैन ठहरे हुए थे, तो वे घबरा गए और तुरंत घर लौटना चाहते थे.
ईरानी हवाई क्षेत्र को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. हुसैन ने बताया कि मैं रविवार को हमले के बाद भागकर तेहरान आया, लेकिन कोई टैक्सी मुझे सीमा तक ले जाने को तैयार नहीं है, क्योंकि ईरान-इज़राइल के बीच तनाव और बढ़ गया है. उड़ानें बंद हैं, बाजार बंद हैं, और मैं एक छोटे होटल के बेसमेंट में रह रहा हूं. मैं टैक्सी के जरिए बॉर्डर तक पहुंचने की कोशिश कर रहा हूं, लेकिन टैक्सियां मिल नहीं रही और कोई हमें ले जाने को तैयार नहीं है.
तेहरान सहित कई ईरानी शहरों पर बड़ा हमला
इजारयल ने शुक्रवार को तेहरान सहित कई ईरानी शहरों पर बड़ा हमला किया. इस हमले में वरिष्ठ सैन्य अधिकारी, परमाणु वैज्ञानिक मारे गए और कई अहम ठिकानों को नष्ट कर दिया गया. क़ुम शहर से करीब 18 मील दूर एक परमाणु संवर्धन केंद्र भी निशाना बनाया. इसके बदले में ईरान ने सैकड़ों ड्रोन और मिसाइलों से पलटवार किया.
मध्यपूर्व देशों ने बंद किए अपने एयरपोर्ट्स
इजराइल-ईरान तनाव के चलते मध्यपूर्व के अधिकांश देशों ने अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है, जिससे दर्जनों हवाईअड्डों पर उड़ानें पूरी तरह रद्द या सीमित कर दी गई हैं. इस स्थिति की वजह से हजारों यात्री बीच में फंस गए हैं और कई लोग ना तो अपने घर लौट पा रहे हैं और ना ही संघर्ष से बचकर कहीं और जा पा रहे हैं.
सेवानिवृत्त पायलट और विमानन सुरक्षा विशेषज्ञ जॉन कॉक्स ने इसे एक “विनाशकारी डोमिनो प्रभाव” बताया. उन्होंने कहा, आपके पास हजारों यात्री हैं जो अब उस जगह नहीं हैं जहां उन्हें होना चाहिए, क्रू वहीं नहीं हैं, विमान वहीं नहीं हैं — ये सब पूरी एयरलाइन प्रणाली को प्रभावित कर रहा है. इसकी कीमत बहुत भारी होगी.
50,000 से अधिक इजराइली यात्री विदेशों में फंसे
इज़राइल ने अपना मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा — बेन गुरियन एयरपोर्ट — अगली सूचना तक बंद कर दिया है, जिससे 50,000 से अधिक इज़राइली यात्री विदेशों में फंसे रह गए हैं. इज़राइल की तीनों प्रमुख एयरलाइनों के विमानों को साइप्रस के लारनाका एयरपोर्ट पर स्थानांतरित कर दिया गया है. तेल अवीव में महाला फिंकलमैन एक होटल में फंसी हैं. उनकी एयर कनाडा की फ्लाइट रद्द हो गई है और अब वे होटल के भूमिगत बंकर में रह रही हैं, जहां रातभर ईरानी हमलों के दौरान धमाके और कंपन महसूस हो रहे हैं. उन्होंने कहा हम धमाकों की आवाज़ सुनते हैं, कभी-कभी झटके भी लगते हैं. सच्चाई ये है कि… टीवी पर देखकर ये और डरावना लगता है कि हमारे ऊपर क्या हो रहा था जब हम नीचे शरण ले रहे थे.
देश छोड़ने की कोशिश ना करें
इस बीच, इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने नागरिकों को चेतावनी दी है कि वे जॉर्डन और मिस्र के साथ खुले तीनों सीमा पार स्थलों के जरिए देश छोड़ने की कोशिश न करें.
ईरान, इराक में फंसे छात्र: भारत के छात्र भी मुश्किल में
ईरान में हजारों भारतीय छात्र, जिनमें मेडिकल छात्र अर्सलान अहमद शामिल हैं, तेहरान में हॉस्टल में बंद हैं. टीवी पर जो देखते हैं, वो डरावना है… लेकिन असली डर वे तेज धमाके हैं जो आसपास गूंजते हैं. यूनिवर्सिटीज ने कुछ छात्रों को सुरक्षित क्षेत्रों में स्थानांतरित किया है. भारत दूतावास ने तेहरान को जल्द से जल्द खाली करने की एडवाइजरी जारी की है.
हवाई क्षेत्र बंद, उड़ानें रद्द
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लेबनान और जॉर्डन में आंशिक रूप से हवाई क्षेत्र खुले हैं, लेकिन एयरपोर्ट पर भारी अफरा-तफरी है.
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कई एयरलाइंस ने उड़ानों में कटौती या बंद कर दिया है.
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सीरिया, जिसने हाल ही में अपने हवाई अड्डों का नवीनीकरण किया था, फिर से संघर्ष में फंस गया है.
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इराक ने सभी हवाई अड्डे बंद कर दिए हैं. इज़राइल ने कथित तौर पर इराकी हवाई क्षेत्र का उपयोग किया, जबकि ईरान के ड्रोन और मिसाइलें भी उसी क्षेत्र से गुजरी.
छात्रों का पलायन
इरान के तबरीज़ शहर में पढ़ाई कर रहे इराकी छात्र याहिया अल-सुरैफी ने बताया कि उन्होंने और दर्जनों छात्रों ने रातभर 320 किमी टैक्सी से इराक की सीमा तक का सफर तय किया. याहिया ने कहा, रात के अंधेरे में आसमान में आतिशबाज़ी जैसी रोशनी हो रही थी… बहुत डरावना था. सीमा पार कर वे इरबिल शहर पहुंचे, लेकिन वहां से उनके गृहनगर नासिरिया (दक्षिण इराक) पहुंचने में 710 किमी और चलना पड़ा. तेहरान में फंसे एक अफगानी छात्र ने कहा, यह दूसरी बार है जब मैं इस तरह के युद्ध में फंसा हूं पहली बार काबुल में फंसा और अब ईरान में फंस गया हूं.




