सऊदी अरब ने यात्रा प्रतिबंधों को हटा कर बहुत बड़ी सहूलियत का ऐलान पहले कर चुका है लेकिन फिर भी भारतीय प्रवासियों के लिए यह ऐलान काफी नहीं है. भारतीय प्रवासियों का एक बड़ा वर्ग अभी भारतीय सरकार से सऊदी सरकार तक मसले को समाधान तक पहुंचाना चाहती हैं.

 

भारतीय टीका को अभी तक नहीं मिली है मंजूरी.

सऊदी अरब ने प्रतिबंधों से ढील दे दिया है लेकिन फिर भी वापस जा चुके प्रवासियों में से उन्हीं प्रवासियों को सऊदी अरब में डायरेक्ट लौटने का मौका मिल रहा है जिन्होंने सऊदी अरब में रहते हुए सऊदी अरब के दोनों टीके लगवाए थे. इस कारणवश एक बड़ा वर्ग भारतीय प्रवासियों का सऊदी अरब में वापस काम पर लौटने से वंचित.

 

सऊदी अरब के प्रिंस फैजल बिन फरहान अल सऊद भारत पहुंचे हैं.

सऊदी अरब के यह प्रिंस सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय के मंत्री भी हैं और वह दिल्ली पहुंच चुके हैं. उम्मीद की जा रही है कि भारतीय खेमा इस मुद्दे पर जरूर चर्चा करेगा क्योंकि भारत का टीका पूरे विश्व में लगभग पहुंच चुका है और उसे बड़े पैमाने पर मंजूरी भी लगभग सारे राष्ट्र ने दिया है.

काफी अड़चन भरा रहा है सऊदी से लौटे भारतीय प्रवासियों का सफर.

सऊदी अरब से लौट चुके कोरोना काल में भारतीय प्रवासियों का दर्द बड़ा है. शुरुआत में उन्हें किसी भी प्रकार से सऊदी अरब में प्रवेश करने से वंचित कर दिया गया और इसको लेकर एक लंबे समय तक उन्हें इंतजार करना पड़ा. अब जब लौटने की इजाजत दे दी गई है तब ऐसी शर्ते रख दी गई हैं जो पहले लौट चुके भारतीय प्रवासियों के बूते से बाहर हैं.

 

ई मंजूरी  मिलेगा भारतीय टीका को.

सऊदी अरब IATA  के द्वारा जारी किए गए नए फ्लाइट प्रोटोकॉल को भी समर्थन करता है और इसके संचालन के लिए वह जल्द ही कोविड-19  पासपोर्ट को मंजूरी दे सकता है इसके जरिए IATA द्वारा मान्यता प्राप्त किसी वैक्सीन लगाए हुए व्यक्ति को सऊदी अरब में दाखिला मिल सकेगा. लेकिन इस मुद्दे पर सऊदी अरब की तरफ से अभी कोई खासा जोर नहीं दिया गया है.

बिहार से हूँ। बिहार होने पर गर्व हैं। फर्जी ख़बरों की क्लास लगाता हूँ। प्रवासियों को दोस्त हूँ। भारत मेरा सबकुछ हैं। Instagram पर @nyabihar तथा lov@gulfhindi.com पर संपर्क कर सकते हैं।

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