1. केरल की शराब नीति में बदलाव की तैयारी
जी हाँ दोस्तों, केरल सरकार अब अपनी शराब नीति में बड़ा बदलाव करने जा रही है क्योंकि राज्य का खजाना सूख चुका है। हर साल सरकार एक नई शराब नीति पेश करती है, लेकिन इस साल लोकसभा चुनावों की आचार संहिता के कारण इसे अब तक टाला गया।
2. कैसे होगी राजस्व वृद्धि?
मुख्य सचिव वी. वेंणु की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई कि किस तरह से राज्य का राजस्व बढ़ाया जा सके। शराब बिक्री पर कर ने राज्य के राजस्व में हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और अब इसे और बढ़ाने के उपायों पर विचार किया जा रहा है।
3. सूखे दिनों का अंत?
बैठक में एक प्रमुख सुझाव यह आया कि हर महीने की पहली तारीख को जो सूखा दिन होता है, उसे समाप्त कर दिया जाए। 2003 में ए.के. एंटनी सरकार ने इसे शराब की खपत को कम करने के लिए शुरू किया था, लेकिन अब इसे खत्म करने पर विचार हो रहा है क्योंकि इससे MICE (मीटिंग, इंडस्ट्रीज, कॉन्फ्रेंस और एग्ज़िबिशन) पर्यटन को बड़ा नुकसान हुआ है।
4. आर्थिक लाभ का अनुमान
इससे राजस्व में अनुमानित 15,000 करोड़ रुपये का इजाफा हो सकता है, जो पर्यटन और MICE गतिविधियों से प्राप्त होगा। नई शराब नीति में सस्ती शराब के उत्पादन, फलों से वाइन बनाने और राज्य में शराब उत्पादन को बढ़ाने पर भी जोर दिया गया है, क्योंकि राज्य में बेची जाने वाली 80% शराब अन्य राज्यों से आयातित है।
5. शराब बिक्री में जुड़े आंकड़े
2023-24 वित्तीय वर्ष में, राज्य ने शराब और बीयर की बिक्री से 19,088.68 करोड़ रुपये जुटाए हैं। राजस्व में यह उछाल पिछले साल के 18,510.98 करोड़ रुपये से अधिक है। शराब को 277 रिटेल आउटलेट्स और राज्य समर्थित कोऑपरेटिव ऑर्गनाइजेशन कंज्यूमरफेड के 39 रिटेल आउटलेट्स के माध्यम से बेचा जाता है।
6. शराब उपभोक्ताओं का प्रोफाइल
केरल में 3.34 करोड़ की जनसंख्या में से 32.9 लाख लोग शराब का सेवन करते हैं, जिनमें से 29.8 लाख पुरुष और 3.1 लाख महिलाएं हैं। लगभग पांच लाख लोग रोज शराब पीते हैं, जिनमें से 83,851 लोग शराब के आदी हैं, जिनमें 1043 महिलाएं भी शामिल हैं।
7. अगला कदम क्या है?
वी. वेंणु अब अपनी बैठक के परिणामों को एक्साइज मंत्री एम.पी. राजेश को प्रस्तुत करेंगे, जो इसे कैबिनेट की साप्ताहिक बैठक में पेश करेंगे। वही नए शराब नीति को अंतिम रूप देंगे।