Awas Vikas Housing sale in UP by GOV: अगर आपको भी अपना घर लेने का सपना है तो जल्द ही आपको सरकारी Auction में नया घर लेने का सपना पूरा हो सकता है. नया घर आप उत्तर प्रदेश के नोएडा ग्रेटर नोएडा लखनऊ गोरखपुर समेत और कई जगह उत्तर प्रदेश में बनने वाले आवास विकास परिषद के सोसाइटी में मिल सकता है. तो काफ़ी सस्ती क़ीमत पर आवास विकास परिषद के सोसाइटी में प्लॉट और फ़्लैट उपलब्ध होने जा रहे हैं.
29 हज़ार प्लॉट और फ्लैट हैं ख़ाली
आवास विकास परिषद सहित उत्तर प्रदेश के विकास प्राधिकरणों के करीब 29 हजार से ज्यादा प्लाट और फ्लैट खाली पड़े हैं. इन खाली पड़े प्लाट और फ्लैट की कीमत दस हजार करोड़ रुपए से अधिक है. बीते छह वर्षों में सरकार ने इन्हें बेचने के तमाम प्रयास किए, लेकिन अब तक बेच नहीं पाई. ऐसे में अब इन्हें फ्लैट एवं प्लाट को बेचने के लिए क्या कदम उठाए जाए, यह पता लगाने के लिए अधिकारियों की एक समिति बनाई गई है. यह समिति उक्त संपत्तियों को बेचने के लिए नीति में क्या बदलाव किए जाए, इसका भी सुझाव देगी. वास्तव में विभिन्न विकास प्राधिकरणों के 29 हजार से ज्यादा खाली पड़े प्लाट और फ्लैट सरकार के लिए बोझ बन हुए हैं. करीब दस हजार करोड़ रुपए की इन खाली पड़े फ्लैट और प्लाटों में फंसी हुई है. बिना लाटरी सीधे आवंटन और कीमत कम करते हुए तमाम रियायत देने के बाद भी सरकार ने इन्हें बेच नहीं सकी.
Township अब किमी से किमी 25 एकड़ में बनेगा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रॉपर्टी कारोबार की हालत सुधारने के लिए राज्य की प्रस्तावित नई टाउनशिप नीति में भूमि अधिग्रहण और भू-उपयोग बदलने की प्रक्रिया को करने के निर्देश दिए हैं. योगी ने निम्न और मध्यम आय वर्ग के लोगों को ध्यान में रखकर अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्टों के लिए विशेष प्रावधान करने को कहा है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कम भूमि पर अधिक आवास बनाने के लिए वर्टिकल डेवलपमेंट (हाईराइज बिल्डिंग) को प्राथमिकता देने और टाउनशिप का न्यूनतम क्षेत्रफल 25 एकड़ तक करने का निर्देश दिए हैं. योगी का मानना है कि प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में निम्न एवं मध्यम वर्गों के लोगों के लिए अफोर्डेबल हाउसिंग की मांग लगातार बढ़ रही है. इसलिए राज्य की जरूरतों के अनुसार व्यावहारिक नई टाउनशिप नीति तैयार करें, ताकि फ्लैट और प्लाट बेचने में दिक्कत न आए.
जल्द बदल जाएगा क़ानून
अब इन फ्लैट और प्लाटों से निजात पाने के लिए विशेष नीति बनाए जाने की जरूरत बताई जा रही है. आवास एवं शहरी नियोजन सचिव रणवीर प्रसाद ने यह मामला मुख्यमंत्री के समक्ष ले गए तो मुख्यमंत्री ने उन्हें राज्य की जरूरतों के अनुसार व्यावहारिक नई टाउनशिप नीति तैयार करने तथा उक्त फ़्लैट एवं प्लाटों से निजात पाने के लिए जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया है. ऐसे में अब अधिकारियों की बनाई गई समिति से मिले सुझावों के आधार पर सरकार की सहमति से उक्त खाली पड़े फ्लैट एवं प्लाटों से निजात पाई जाएगी.