इंटरनेट का गलत इस्तेमाल करते हैं तो यह आपके लिए मुसीबत साबित हो सकता है
अगर आप इंटरनेट का गलत इस्तेमाल करते हैं तो यह आपके लिए मुसीबत साबित हो सकता है। हालांकि, इंटरनेट सभी के लिए वरदान साबित हुआ है और सभी तरह की जानकारी से लेकर रुपयों के लेन-देन को आसान कर दिया है। अब बिना इंटरनेट के जिंदगी संभव नहीं है पर आज इसका गलत इस्तेमाल भी जमकर हो रहा है।
डार्क वेब के जरिए लोगों की जिंदगी नर्क बनाने का काम हो या उनका अकाउंट खाली करना, देश की सुरक्षा से जुड़ी जानकारियों की चोरी आदि लोगों के लिए खतरा बन रहा है। आईटी एक्ट, 2000 में हुए कुछ संसोधनों के बाद इस तरह के आरोप में पकड़े गए लोगों को कड़ी सजा दी जाती है। आईटी एक्ट के कुछ जरूरी सेक्शन के बारे में आपको जानना चाहिए ताकि आप अपराधों से बचें रहे और किसी तरह का फ्रॉड होने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें।
सेक्शन 65– इसके तहत अगर कोई कंप्यूटर सोर्स डॉक्टूमेंट्स के साथ छेड़छाड़ के आरोप में दोषी पाया जाता है तो उसे 3 साल तक की सजा या 2 लाख रुपये तक का जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकता है।
सेक्शन 66– अगर कोई व्यक्ति कंप्यूटर सिस्टम हैकिंग या कंप्यूटर सिस्टम और नेटवर्क का अवैध इस्तेमाल करता है तो उसे दोषी पाए जाने पर 3 साल तक की कैद या 5 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों की सजा मिल सकती है।
सेक्शन 66सी– इसके तहत पहचान की चोरी करने वाले को सजा दी जाती है। जैसे कि अवैध तरीके से ट्रेडिंग अकाउंट से लेनदेन कर पैसे अपने अकाउंट में डाल लेना। अगर कोई व्यक्ति फ्रॉड के लिए पासवर्ड, डिजिटल हस्ताक्षर, बायोमेट्रिक अंगूठे के निशान या किसी अन्य व्यक्ति की पहचान की अन्य चीजों का उपयोग करके पहचान की चोरी करता है तो उसे सजा दी जाती है।
सेक्शन 66डी– कंप्यूटर रिसोर्स का इस्तेमाल करके अगर कोई लोगों के साथ फ्रॉड करता है तो दोषी पाए जाने पर 3 साल तक की कैद और/या 1 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
सेक्शन 66ई – किसी भी व्यक्ति की उसकी सहमति के बिना उसकी निजी फोटो लेना और पब्लिक करना कानूनन जुर्म है, दोषी पाए जाने पर 3 साल तक की कैद और/या 2 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।
सेक्शन 66F– अगर कोई व्यक्ति साइबर टेरर एक्ट में दोषी पाया जाता है तो उसे कारावास की सजा मिल सकती है।
सेक्शन 67– अपने फायदे के लिए अगर कोई अश्लील सूचना को इलेक्ट्रोनिकली पब्लिश करता है तो 5 साल तक की कैद और 10 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। जैसे कि मुंबई में एक महिला से शादी के लिए इनकार सुनकर व्यक्ति ने उसकी अश्लील जानकारी इंटरनेट पर शेयर कर दी थी, ऐसे आरोपियों को इसी के तहत सजा दी जाती है।
सेक्शन 379– चोरी के मोबाइल/कंप्यूटर या चोरी के डाटा का गलत इस्तेमाल करना भी अपराध है। आरोपी को 3 साल तक की सजा और/या जुर्माना लगाया जा सकता है।
सेक्शन 420– फ्रॉड वाली वेबसाइट बनाना, धोखा देना और बेईमानी से संपत्ति लूटने वाले को 7 साल की जेल या जुर्माना या दोनों लग सकता है।
सेक्शन 463– झूठे दस्तावेज या झूठे इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड जैसे कि ईमेल स्पूफिंग करने वाले आरोपी को दोषी पाए जाने पर 7 साल तक की कैद और जुर्माना आदि की सजा मिल सकती है।
सेक्शन 468 – फ्रॉड के लिए जालसाजी करता है तो उसे 7 साल तक की जेल या जुर्माना दोनो की सजा हो सकती है।
लोगों को साइबर क्राइम से बचने के लिए जागरूक किया जाता रहा है। लेकिन तेजी से बढ़ती तकनीक के सामने अक्सर लोगों जानकारी और समझ छोटी पड़ जाती है और ठगी होने में ज्यादा समय नहीं लगता। यही कारण है कि अपराधियों के मन बढ़ने लगे हैं और साइबर क्राइम तेजी से बढ़ रहा है।