नुपूर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल के पैगंबर मोहम्मद पर दिए कथित बयान को लेकर जिस प्रकार से कतर ने वहां भारतीय राजदूत को तलब किया। साथ ही इस मामले में भारत सरकार से माफी मांगने को कहा, वह उसके कड़े रुख को दर्शाता है। हालांकि, जब यह सब हो रहा था, उससे पहले ही विवादित बयान देने के लिए जिम्मेदार लोगों पर भाजपा ने कार्रवाई कर दी थी।
दरअसल, धार्मिक मामले बेहद संवेदनशील होते हैं। गैर सरकारी लोगों को भी ऐसे मामलों में बयान देते समय बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है। इसमें कोई संदेह नहीं है। कतर में स्थित भारतीय दूतावास ने इस मामले में वहां की सरकार के समक्ष दो टूक कहा कि यह टिप्पणी भारत सरकार का बयान नहीं है, न ही सरकार ऐसे किसी बयान का कभी समर्थन करती है। बल्कि यह बाहरी तत्वों का बयान है। जिनके खिलाफ पहले ही कार्रवाई की जा चुकी है। भारत सभी धर्मों और संस्कृति का सम्मान करता है। धार्मिक एवं सांस्कृतिक विविधता में विश्वास करता है। इसके बाद भी कतर सरकार का भारत सरकार से माफी की मांग करना सरासर अनुचित प्रतीत होता है।
सूत्रों की मानें तो मुस्लिम राष्ट्रों का रुख भारत के प्रति पिछले कुछ समय से जरूरत से ज्यादा तल्ख है।
जबकि कई बार बिना किसी ठोस वजह से वह भारत के अंदरूनी मामलों में दखल देते हैं। जैसे, जम्मू-कश्मीर में परिसीमन की कार्रवाई पर ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन (ओआईसी) ने चिंता जता दी। उसे इस बात पर आपत्ति थी कि भारत चुनावी सीटों की सीमाओं में बदलाव कर रहा है। इसी प्रकार ओआईसी ने इसी साल के आरंभ में इस्लामाबाद में हुए विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस को आमंत्रित कर डाला, जिसका कोई तुक नहीं है। दोनों मामलों में भारत सरकार को सख्त रुख अपनाकर ओआईसी को फटकार लगानी पड़ी। लेकिन संगठन के इतर भी कई देश जब भी कोई मौका मिलता है तो भारत के खिलाफ बयान देते रहते हैं, जो चिंताजनक है।
पूर्व में मुस्लिमों पर हमले को लेकर भी ओआईसी और कई देश अपनी टिप्पणी करते रहे हैं।
जबकि भारत इन देशों के निजी मामलों पर बिल्कुल भी टिप्पणी नहीं करता है। विदेश मामलों के जानकारों का कहना है कि ऐसे मामलों को किसी देश द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर उठाने का कोई औचित्य नहीं है। क्योंकि, इस प्रकार के मामले कई देशों में होते रहते हैं और उन्हें सरकार का कोई समर्थन नहीं होता है। जब भी कोई मामला किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला होता है तो उसमें कार्रवाई होती है।