किरायदारों को होती है परेशानी
जो लोग किराए पर रहते हैं उन्हें कभी कभी बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और वह रेंट चुकाने में असमर्थ हो जाते हैं। लाख कोशिशों के बाद भी उन्हें उस मुश्किल से छुटकारा नहीं मिलता तब मकान मालिक उन्हें नोचने के लिए तैयार रहता है और रेंट के लिए परेशान करता है। ऐसे में इस स्थिति में लोग काफी परेशान हो जाते हैं। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट की तरफ से इस तरह के लोगों के लिए खुशखबरी सामने आ है।
कोर्ट ने मकान मालिक की याचिका किया खारिज
अभी फिलहाल ही कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई की है जिसमें मकान मालिक ने रेंट को लेकर याचिका दायर किया था। इस याचिका को खारिज करते हुए जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने किरायदार के हक के फैसला सुनाया है। इन मामलों को सिविल रेमेडीज के तहत सुलझाने का सुझाव दिया गया है।
बताते चलें कि बेंच ने दोनों पक्षों की बात सुनी और कहा कि अगर किरायेदार किसी मजबूरी के कारण रेंट नहीं चुका पता है तो उसे अपराध के श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है। कहा गया है कि इसमें किरायदार पर कानूनी कार्यवाई भले हो सकती है लेकिन आईपीसी (IPC) के तहत केस दर्ज नहीं किया जा सकता है।