पाँच चरणों में होगा दाखिल ख़ारिज का निपटारा

बिहार में जमीन रजिस्ट्री के बाद एक सबसे बड़ी समस्या जो उभर कर सामने आती है वह है जमीन का दाखिल खारिज यानी म्यूटेशन, बिहार के औसत जिलों में यह समस्या इतनी बड़ी है लाखों दाखिल खारिज के मामले लंबित पड़े हुए हैं, इस समस्या से निपटने के लिए बिहार सरकार ने नई व्यवस्था शुरू की है, अब देखना यह है कि यह व्यवस्था कैसे कार्य करती है एवं तय किए गयेगा  लक्ष्य पर कितना प्रतिशत खरा उतरती है। आईए जानते हैं पूरा प्रोसेस

अंचल में मौजूद राजस्व कर्मचारी पर बढ़ेगा बोझ

नई दिशा निर्देश के अनुसार सभी जिलों के अंचलों में राजस्व कर्मचारी को तैनात किया गया है जो की आपके द्वारा किए गए दाखिल खारिज के आवेदन को जाँचने के बाद आवेदन में उपलब्ध त्रुटियों को सही करने के लिए रैयतधारी को सूचित करेंगे, इस समस्या पर बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव ने सभी जिलों के जिलाधिकारी को पत्र लिखते हुए कहा है कि सुनिश्चित किया जाए की बिहार में दाखिल खारिज संशोधन नियमावली के तहत जल्द से जल्द सभी लंबित मामलों का निपटारा हो।

LAND MUTATION BIHAR
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आवेदन के बाद रैयतधारी को मिलेगा टोकन

नियमावली के अनुसार अब दाखिल खारिज कुल पांच चरण में निपटाए जाएंगे, पहले चरण में ग्राहक को आवेदन करने के बाद टोकन नंबर मिलेगा, उसके बाद यह आवेदन आपके अंचल अधिकारी के पास पहुंचेगा इसके बाद अंचल अधिकारी आपके आवेदन को उससे संबंधित कर्मचारियों के पास भेजेंगे।

तीन दिन के अंदर आवेदन के सभी त्रुटियो को करना होगा ख़त्म

कर्मचारी के द्वारा आवेदन में उपस्थित तृतीय की जांच की जाएगी इस काम में कुल 3 दिन का समय निर्धारित किया गया है, अगर कोई त्रुटि नहीं है तो इसके बाद दाखिल खारिज को कायम करने के लिए आवेदन को आगे भेजा जाएगा अगले स्टेप में जिलाधिकारी को या निर्देश दिया गया है कि वह संख्या कायम होने के बाद समय सीमा के अंदर ही उसे वाद को निपटने के लिए संबंधित अधिकारी को निर्देश दिया जाए।

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