गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों में फंसे हुए मजदूरों-छात्रों के लिए बुधवार को नई गाइडलाइन जारी की. इसके तहत इस बात की मंजूरी दे दी गई कि विभिन्न राज्यों के बाहर फंसे दिहाड़ी मजदूर और छात्र अपने प्रदेश में वापस लौट सकेंगे. इस बाबत केंद्र सरकार ने कोई भी फैसला लेने के लिए राज्य सरकारों को कहा है.
सरकार के इस फैसले के बाद उम्मीद जगी कि बिहार सरकार भी राज्य के बाहर फंसे बिहारी मजदूर और छात्रों को वापस प्रदेश में लाने के लिए पहल करेगी, लेकिन उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने साफ कर दिया है कि सरकार के पास इतना संसाधन नहीं है कि वह देश के विभिन्न राज्यों में बस भेजकर प्रवासी मजदूरों और छात्रों को वापस बुला सके.
सुशील मोदी ने कहा कि सरकार ने रेल चलाने की तो इजाजत नहीं दी है, ऐसे में सभी को बसों से ही वापस आना होगा. हमारे पास कहां इतनी बसें हैं, क्योंकि विभिन्न राज्यों से लोगों को वापस आना है. उन्होंने आगे कहा कि प्रवासी मजदूरों और छात्रों को बिहार कैसे लाया जाए, इसको लेकर बिहार सरकार विभिन्न राज्य सरकारों से बातचीत करेगी और आपस में सहमति बनाएगी. जो लोग आएंगे राज्य सरकारें उनकी व्यवस्था करेगी फिर दोनों राज्यों के बीच में सहमति बनेगी.GulfHindi.com
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