प्याज के बढ़ते कीमत में आम आदमी के सब्जी से फिर से प्याज गायब होता दिख रहा है, इस पर कड़ा एक्शन लेते हुए केंद्र सरकार ने प्याज़ की कीमत को कंट्रोल करने के लिए नया फैसला लिया है। ज्ञात हो की दशहरा के बाद खुदरा बाजार में प्याज की खपत बहुत ही तेजी से बढी है, इसी प्रकार कीमतों में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है। केंद्र सरकार इस प्रकार कम कर रहा प्याज की कीमत
केंद्र सरकार ने प्याज की कीमत में वृद्धि पर की कड़ी कार्रवाई
प्याज के दाम में उछाल प्याज की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमत में 57 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जिसका मौलिक कारण मौसम संबंधी समस्याएं और फसल में देरी है।
केंद्र का निर्णय: राहत की उम्मीद
केंद्र सरकार ने ‘बफर स्टॉक’ से प्याज की खुदरा बिक्री 25 रुपये प्रति किलोग्राम पर बढ़ाने का निर्णय लिया। यह निर्णय उपभोक्ताओं को राहत दिलाने के लिए किया गया है।
स्थिति सुधारने के प्रयास
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने तय किया है कि जिन राज्यों में कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं, वहां ‘बफर स्टॉक’ से प्याज उपलब्ध कराई जाएगी।
आगामी योजनाएं
सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए ‘बफर स्टॉक’ को दोगुना करने का निर्णय लिया है, जिससे कीमतों पर नियंत्रण पाया जा सके।
महत्वपूर्ण जानकारी की सारणी
परिमाण | प्याज की खुदरा कीमत |
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पिछले वर्ष | 30 रु./किलो |
वर्तमान | 47 रु./किलो |
‘बफर स्टॉक’ दर | 25 रु./किलो |
FAQs
- ‘बफर स्टॉक’ क्या है?
- ‘बफर स्टॉक’ सरकार द्वारा संचित किया जाता है ताकि कीमतों में असमानता के समय में सहायता की जा सके।
- प्याज की कीमतों में इतनी बढ़ोतरी क्यों हुई?
- मौसम संबंधी समस्याओं और फसल में देरी के कारण आपूर्ति में गिरावट हुआ है, जिसके वजह से कीमतों में वृद्धि हुई है।
- उपभोक्ता को कितनी राहत मिलेगी?
- ‘बफर स्टॉक’ से प्याज 25 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर उपलब्ध होगी, जिससे उपभोक्ता को आर्थिक राहत मिलेगी।