यह बच्चे करते हैं परिवार का नाम रोशन 

चाणक्य नीति के अनुसार अगर कुछ नियमों का पालन हम अपनी जिंदगी में कर पाए तो काफी आसानी से जीवन व्यतीत किया जा सकता है। खासकर माता पिता बच्चों के कुलक्षणों के वजह से काफी परेशान रहते हैं। किसी भी इंसान को अगर गुणी संतान मिल जाए तो उसका जीवन सफल माना जाता है। ऐसे लोग भाग्यशाली माने जाते हैं और समाज में प्रतिष्ठा के पात्र होते हैं। ऐसे लोगों को अपने बच्चों के भविष्य की चिंता नहीं करनी होती है और वह हर मुश्किल या किसी भी नकारात्मक परिस्थिति का दृढ़ता से सामना करते हैं।

आज्ञाकारी और संस्कार से परिपूर्ण 

माता-पिता समेत पूरे परिवार और समाज के लिए ऐसे संतान आशीर्वाद माने जाते हैं। अपने से बड़ों का सम्मान करना और अच्छे बुरे कर्मों के फर्क करना इनकी निशानी होती है। साथ ही आपकी संतान का आज्ञाकारी होना भी आवश्यक है क्योंकि बच्चों का मस्तिष्क कोमल होता है और वह संसार में फैली बुराइयों से परिचित नहीं होते हैं ऐसे में अगर वह आपकी आज्ञा नहीं मानेंगे तो गलत परिस्थितियों में फंस सकते हैं।

इसलिए बच्चे का संस्कारी होने के साथ-साथ आज्ञाकारी होना जरूरी है, इस तरह वह बिना किसी विरोध के आपके द्वारा दिए गए ज्ञान को ग्रहण करेंगे और धीरे-धीरे समाज को समझने की कोशिश करेंगे।

शिक्षा और किताबों का महत्व समझें 

आजकल समस्या सामने आती है जब बच्चों को बचपन से ही मोबाइल फोन की आदत लग जाती है। वो किताबों से दूर दूर रहते हैं और सुबह से लेकर शाम तक मोबाइल की जिद करते हैं। ऐसे में बच्चों को किताबों और शिक्षा के महत्व की जानकारी देनी जरूरी है।

किताबें हमें सोचने का मौका देती हैं और हमारी सोच को नई दिशा देती हैं। किताबों से हमारा मस्तिष्क खुलता है। वहीं दूसरी तरह फोन का इस्तेमाल अगर सही से न किया जाए तो यह बच्चों के दिमाग को स्थूल बना देता है और वह मनोरंजन के आदि हो जाते हैं। नए ख्याल दिमाग में नहीं आते और फिर पढ़ने का मन नहीं करता।

 

 

 

 

बिहार से हूँ। बिहार होने पर गर्व हैं। फर्जी ख़बरों की क्लास लगाता हूँ। प्रवासियों को दोस्त हूँ। भारत मेरा सबकुछ हैं। Instagram पर @nyabihar तथा lov@gulfhindi.com पर संपर्क कर सकते हैं।

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