महंगाई में उछाल: सऊदी अरब और रूस का भूमिका
सऊदी अरब और रूस द्वारा कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती के निर्णय ने कच्चे तेल की कीमतों को 90 डॉलर प्रति बैरल के पास पहुंचा दिया है। इससे महंगाई में बढ़ोतरी हो रही है।
सरकारी कदम: राहत अधिक, समस्या अधिक
केंद्र सरकार ने घरेलू रसोई गैस के दामों में 200 रुपए की कटौती की है, लेकिन आम जनता पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भी राहत चाहती है।
आरबीआई की चिंता: मुद्रास्फीति की ऊंचाई
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि महंगाई को नियंत्रित करने के लिए सभी संभावित कदम उठाए जा रहे हैं।
महंगाई के आंकड़े: सीमा से ऊपर
खुदरा महंगाई दर जुलाई में 7.44 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जो केंद्र सरकार की तय 6 प्रतिशत की ऊपरी सीमा से अधिक है।
आने वाले दिनों में भी महंगाई बनी रह सकती है: वित्त मंत्रालय
वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले महीनों में भी महंगाई ऊंची रह सकती है।
समाधान: सरकार को आना होगा आगे
सरकार को खाद्य पदार्थों की आपूर्ति बढ़ाने और महंगाई दर पर अंकुश लगाने के लिए अधिक कारगर उपायों के साथ आना होगा।
महत्वपूर्ण जानकारी:
पैरामीटर | आंकड़ा |
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कच्चे तेल की कीमत प्रति बैरल | ~ 90 डॉलर |
रसोई गैस की कटौती | 200 रुपए |
जुलाई 2023 में महंगाई दर | 7.44% |
आरबीआई का महंगाई दर अनुमान | 5.4% |
केंद्र सरकार की महंगाई दर की ऊपरी सीमा | 6% |
इन आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए, सरकार को महंगाई को नियंत्रित करने के लिए जल्दी कदम उठाने की जरूरत है।