रविवार की सुबह राजधानी दिल्ली और एनसीआर में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता इतनी अधिक थी कि न केवल धरती कांपी, बल्कि लोगों ने एक जोरदार आवाज भी सुनी। ऐसा प्रतीत हुआ मानो धरती फटने से पहले गड़गड़ाहट हो रही हो।
घरों के बेड तक हिल गए। सुबह-सुबह गहरी नींद में सो रहे लोग तेज आवाज सुनकर डर से कांपने लगे। हर किसी को अपने प्रियजनों की सुरक्षा की चिंता सता रही थी। हालांकि, सौभाग्य से, इस प्राकृतिक आपदा में किसी जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। सबसे अधिक डराने वाली बात तो भूकंप का केंद्र था।
भूकंप के साथ तेज आवाज क्यों आई?
इस बार भूकंप का केंद्र देश की राजधानी दिल्ली ही रही। दक्षिणी दिल्ली के धौला कुआं इलाके को भूकंप का केंद्र माना जा रहा है। धरती से लगभग पांच किलोमीटर नीचे भूकंप शुरू हुआ, जिसके कारण लोगों को धरती फटने जैसी तेज आवाज सुनाई दी। भूकंप सुबह 5:36 बजे आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4 मापी गई। गनीमत यह रही कि कुछ ही पलों में भूकंप के झटके थम गए, अन्यथा यह भूकंप तबाही मचा सकता था। लोगों ने बताया कि भूकंप केवल 10 से 15 सेकंड के लिए ही आया, लेकिन इतने कम समय में ही इसने सभी को हिला कर रख दिया।
Just Look at the Blast and Wave it was something else still thinking about it
My Home CCTV video #earthquake #Delhi pic.twitter.com/AiNtbIh9Uc— Mahiya18 (@mooniesssoobin) February 17, 2025
झूलने लगी इमारतें
दिल्ली सिस्मिक जोन-4 में आता है। ऐसे में यहां जरा सा तेज भूकंप भी तबाही मचा सकता है। ग्रेटर नोएडा में रहने वाले अमित कसाना ने बताया कि उनके घर की पूरी बिल्डिंग ही झूल रही थी। ऐसा लगा कि किसी भी पल यह ताश के पत्तों की तरह ढह जाएगी। उन्होंने पहले भी कई बार भूकंप के झटके महसूस किए थे, लेकिन इतनी भयंकर आवाज कभी नहीं सुनी थी। ऐसा महसूस हुआ कि दिल्ली-एनसीआर में भूकंप एक लहर की तरह आया और एक दिशा से बढ़ते हुए दूसरी दिशा की ओर आगे चला गया।

“डर कर उठ गया मेरा बेटा”
पुरानी दिल्ली जैसे इलाकों में लोग बेहद संकरी गलियों में रहते हैं। यह क्षेत्र कम जगह में बेहद अधिक आबादी के रहने के लिए जाना जाता है। ऐसे में यहां हल्का भूकंप भी बहुत अधिक तबाही मचा सकता है। उत्तरी दिल्ली में रहने वाली कोमल बताती हैं कि वह सुबह-सुबह दफ्तर जाने के लिए उठी थीं और खाना बना रही थीं। इसी बीच इतना तेज भूकंप आया कि उनका बेटा डरावनी आवाज सुनकर उठ गया। पंखे हिलने लगे, खिड़कियों की खड़खड़ाहट की आवाज आने लगी। पंखा जोर से हिल रहा था। वह अपने बच्चे के पास तुरंत भागीं।
भूकंप के बाद का आफ्टरशॉक
भूकंप के तुरंत बाद, कई लोगों ने आफ्टरशॉक महसूस किए। भूकंप का मुख्य झटका जैसे ही थमा, लोगों को हलके झटके और गड़गड़ाहट की आवाज सुनाई दी, जो आफ्टरशॉक के रूप में सामने आए। यह आफ्टरशॉक एक और खतरे की घंटी था, जिससे लोगों के दिलों की धड़कन तेज हो गई। यह आफ्टरशॉक सामान्यतः भूकंप के बाद होते हैं और कभी-कभी मुख्य भूकंप से भी अधिक नुकसानकारी हो सकते हैं। दिल्ली में अब तक भूकंप के बाद के दो छोटे आफ्टरशॉक्स दर्ज किए गए हैं, और विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले समय में और आफ्टरशॉक्स आ सकते हैं, जो संभावित रूप से दिल्ली-एनसीआर की इमारतों और संरचनाओं के लिए खतरे का कारण बन सकते हैं।





