दिल्ली हवाई अड्डे पर बने ईस्टर्न क्रॉस टैक्सीवे का इस्तेमाल करने से एयरलाइंस को सालाना लगभग 150-180 करोड़ रुपये की बचत हो सकती है। इस टैक्सीवे के माध्यम से उत्तर में उतरने और दक्षिण में आने वाले विमान के लिए औसतन सात-आठ मिनट का समय बचता है।
इससे एयरलाइंस को करीब 55,000 टन कार्बन-डाई ऑक्साइड की बचत हो सकती है। इससे हवाईपट्टी पर जाने में लगने वाले समय और ईंधन खपत में कमी आने से एयरलाइंस 150 करोड़ रुपये से लेकर 180 करोड़ रुपये तक की बचत कर सकती हैं।
इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर प्रतिदिन 1,500 विमानों की आवाजाही होती है। इस एयरपोर्ट पर हाल ही में 2.1 किलोमीटर लंबा ईस्टर्न क्रॉस टैक्सीवे बना है जो चौड़े आकार वाले विमानों को भी संभाल सकता है। यह टैक्सीवे एयपोर्ट के पूर्वी हिस्से में उत्तरी और दक्षिणी हवाई क्षेत्रों को जोड़ता है।
जब भी कोई विमान RW 29R से टर्मिनल 1 तक रनवे से गुजरता है और इसके विपरीत, ईस्टर्न क्रॉस टैक्सीवे से लगभग 350 किलोग्राम ईंधन की बचत होने का अनुमान है। इससे ईस्टर्न क्रॉस टैक्सीवे के माध्यम से उत्तर में उतरने और दक्षिण में आने वाले विमान के लिए औसतन 7-8 मिनट का टैक्सिंग समय बचता है। इससे विमान से लगभग 55,000 टन कार्बन डाइऑक्साइड की बचत होने का अनुमान है।