दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने मेट्रो के चौथे चरण (फेज 4) के तहत तुगलकाबाद से दिल्ली एरोसिटी कॉरिडोर के रंग में एक महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है। पहले इसे सिल्वर लाइन के रूप में जाना जाता था, लेकिन अब इसे गोल्डन लाइन के रूप में पहचाना जाएगा।

रंग बदलने का कारण

दिल्ली मेट्रो ने सिल्वर से गोल्डन में रंग बदलने का फैसला दृश्यता यानी विजिबिलिटी बढ़ाने के लिए किया है। मेट्रो के डिब्बों पर चांदी (सिल्वर) का रंग स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देता था, क्योंकि उनके स्टेनलेस स्टील के शरीर का रंग भी लगभग चांदी जैसा ही होता है। गोल्डन रंग, चांदी के रंग की तुलना में अधिक प्रमुखता से दिखाई देगा।

गोल्डन लाइन: दूरी और स्टेशन

लगभग 23.62 किलोमीटर लंबी गोल्डन लाइन के कॉरिडोर में कुल 15 स्टेशन होंगे। इस लाइन का निर्माण कार्य तेज़ी से चल रहा है और इसके 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है। इस कॉरिडोर के बन जाने से इस पूरे क्षेत्र में यातायात और भी सुविधाजनक हो जाएगा।

चौथे चरण के अन्य कॉरिडोर

फ़िलहाल, गोल्डन लाइन के अलावा, मेट्रो के चौथे चरण में दो अन्य कॉरिडोर भी निर्माणाधीन हैं। इनमें जनकपुरी पश्चिम से आरके आश्रम तक मजेंटा लाइन का विस्तार और मजलिस पार्क से मौजपुर तक पिंक लाइन का विस्तार शामिल है।

दिल्ली मेट्रो लाइनों की विशिष्ट पहचान

दिल्ली मेट्रो की हर लाइन को एक अलग रंग से पहचाना जाता है। उदाहरण के लिए, येलो लाइन समयपुर बादली से गुड़गांव तक जाती है, ब्लू लाइन वैशाली को द्वारका से जोड़ती है, और रेड लाइन नया बस अड्डा से रिठाला तक चलती है।

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