दिल्ली सरकार ने मंगलवार को परिवहन के क्षेत्र में दिल्लीवासियों के लिए दो सुविधाएं बेहतर की हैं। 50 वातानुकूलित लो-फ्लोर सीएनजी बसें जनता को सौंपी गई हैं, तो परिवहन विभाग की प्रवर्तन विंग को भी मजबूती देने के लिए 66 वाहन सौंपे हैं। बसें मिलने से सार्वजनिक परिवहन का बेड़ा मजबूत होगा, जबकि नए वाहन मिलने से प्रवर्तन विंग को मजबूती मिलेगी जिसका इसका लाभ आखिरकार जनता को ही मिलेगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मौके पर दिल्लीवासियों को बधाई देते हुए कहा कि नई बसों के सड़कों पर उतरने से खासकर पश्चिमी दिल्ली के ग्रामीण इलाके के लोगों को काफी लाभ मिलेगा।
नए रूट शुरू हुए
क्लस्टर सेवा की ये बसें ग्रामीण इलाके लिए हैं और बवाना डिपो से चलेंगी। इनके लिए छह नए रूट बनाए गए हैं. दिल्ली सरकार के बेड़े में मंगलवार को 50 नई वातानुकूलित लो-फ्लोर सीएनजी बसें और शामिल हो गईं।
मुख्यमंत्री ने राजघाट क्लस्टर बस डिपो से इन लो-फ्लोर सीएनजी बसों और प्रवर्तन विंग के नए 66 वाहनों (30 इनोवा कारें और 36 मोटरसाइकिलों) को हरी झंडी दिखाई।
50 बसों के शामिल होने से दिल्ली सरकार के बेड़े में बसों की संख्या 7,320 हो गई है.
ये हैं सुविधा
इन नई बसों में पैनिक बटन और जीपीएस जैसी आधुनिक सुविधाएं हैं और ये दिव्यांगजन अनुकूल भी हैं। के केजरीवाल ने कहा कि वर्ष 2025 तक 80 प्रतिशत इलेक्ट्रिक बसों के साथ 10 हजार से ज्यादा बसें दिल्ली की सड़कों पर होंगी।
राजधानी की सड़कों पर इस समय 4,010 बसें डीटीसी की और 3,310 बसें क्लस्टर की डीटीसी की बसों में 250 इलेक्टिक बसें भी दौड़ रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1,500 और लो फ्लोर जीरो एमिशन इलेक्ट्रिक बसों का ठेका दिया गया है, जो नवंबर 2023 तक आ जाएंगी।
Electric Bus में कम किराया ज़्यादा सुविधा
इस तरह अगले साल नवंबर तक राजधानी की सड़कों पर 1,800 इलेक्ट्रिक बसें होंगी। वर्ष 2025 तक 6,380 और इलेक्ट्रिक बसें सार्वजनिक परिवहन के बेड़े में शामिल की जाएंगी। वर्ष 2025 के अंत तक राजधानी में कुल 10,380 बसें हो जाएंगी।
इनमें 8, 180 इलेक्ट्रिक बसें होंगी। ऐसे में 2025 तक सार्वजनिक बस बेड़े में करीब 80 प्रतिशत इलेक्ट्रिक बसें हो जाएंगी।