इस साल पूर्वी दिल्ली से दक्षिणी दिल्ली के बीच यात्रा और अधिक सुगम होने वाली है, जिसके लिए बारापुला फेज तीन कॉरिडोर के निर्माण का काम अक्तूबर तक पूरा होने की संभावना है। छह साल की देरी के बाद, जमीन प्राप्ति की समस्याओं को हल किया जा चुका है, जिससे परियोजना की प्रगति में तेजी आई है।
नांगली रजा गांव की जमीन अधिग्रहण में देरी
बारापुला फेज तीन की योजना 2015 में शुरू हुई थी, जिसे 2017 तक पूरा करने का लक्ष्य था। आवश्यक 8.5 एकड़ जमीन में से केवल 6 एकड़ का ही अधिग्रहण हो पाया था। नांगली रजा गांव की दो से ढाई एकड़ जमीन का हिस्सा न मिल पाने के कारण 690 मीटर के एलिवेटेड हिस्से का निर्माण रुका हुआ था, जिससे परियोजना की लागत में वृद्धि हुई।
मार्च 2023 तक पूरा होने की योजना
इस परियोजना को मूल रूप से मार्च 2023 तक पूरा किया जाना था। जमीन न मिल पाने की समस्याओं और यमुना में आई बाढ़ के कारण इसकी समय सीमा बढ़ाकर सितंबर और फिर दिसंबर 2023 कर दी गई। अंततः, एलजी के हस्तक्षेप के बाद जमीन अधिग्रहण संभव हुआ।
एलिवेटेड कॉरिडोर की विशेषताएं
इस परियोजना के तहत मयूर विहार फेज एक से सराय काले खां तक करीब साढ़े तीन किलोमीटर लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर बनाया जा रहा है। इस कॉरिडोर के पूरा होने पर मयूर विहार से एम्स तक यातायात सिग्नल फ्री हो जाएगा, जिससे पूर्वी दिल्ली से दक्षिणी दिल्ली, एम्स और इंदिरा गांधी हवाई अड्डे तक आना-जाना सुगम होगा।
कॉरिडोर से लाभान्वित होने वाले क्षेत्र
इस कॉरिडोर के बनने से पूर्वी दिल्ली, मयूर विहार और नोएडा के नागरिकों को दक्षिणी दिल्ली की यात्रा में सुविधा होगी। इससे एनएच-24, रिंग रोड, सराय काले खां के हिस्से पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा, जिससे आवागमन में आसानी होगी।