भारतीय शेयर बाजार में नई बदलाव की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया गया है। शेयर ट्रेडिंग के निपटान की प्रक्रिया को और अधिक तेज करने के लिए बाजार नियामक सेबी एक नई प्रणाली पर काम कर रहा है, जिसे “T+0” प्रणाली कहा जा रहा है।
तत्काल निपटान की ओर
T+0 प्रणाली निपटान की मौजूदा प्रक्रिया (T+1) से तेज होगी, जिसका मतलब है कि यदि आप एक शेयर खरीदते हैं, तो यह उसी दिन आपके डीमैट खाते में दिखाई देगा, और यदि आप एक शेयर बेचते हैं, तो आपके बैंक खाते में तुरंत पैसा ट्रांसफर हो जाएगा।
सेबी के चेयरपर्सन माधवी पुरीबुच ने कहा, “भारत पहली प्रमुख अर्थव्यवस्था है, जो अपने सभी शेयरों के लिए T+1 सेटलमेंट में चली गई है।” इस कदम से निवेशकों के लिए सिस्टम में लगभग ₹10,000 करोड़ की अतिरिक्त धनराशि (मार्जिन) मुक्त हुई है।
फायदे: त्वरित निपटान और अतिरिक्त धन
यह नई प्रणाली निवेशकों के लिए अतिरिक्त धन को मुक्त करने और ट्रांसफर की प्रक्रिया को तेज करने में मदद करेगी, जो अन्य बाजारों के मुकाबले भारत को अग्रणी बनाती है। प्रौद्योगिकी के इस उपयोग ने सेबी को अनुमोदन प्रक्रिया को तेज करने में मदद की है, जिससे निवेशकों को प्रति वर्ष ₹3,500 करोड़ का लाभ हुआ है।
प्रमुख बिंदु | विवरण |
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नई प्रणाली | T+0 |
प्रभाव | तत्काल शेयर ट्रेडिंग निपटान |
निवेशकों के लिए फायदे | ₹10,000 करोड़ की अतिरिक्त धनराशि मुक्त, प्रति वर्ष ₹3,500 करोड़ का लाभ |
प्रौद्योगिकी का उपयोग | आईपीओ, ऋण, और म्यूचुअल फंड योजनाओं की मंजूरी प्रक्रिया में तेजी |