दुबई हेल्थ अथॉरिटी (DHA) ने ‘जब्र’ नामक एकीकृत डिजिटल सिस्टम लॉन्च किया है, जो किसी भी मृत्यु के बाद होने वाली सभी सरकारी औपचारिकताओं और सहायता सेवाओं को एक ही प्लेटफॉर्म पर जोड़कर शोक‑संतप्त परिवारों से कागज़ी और प्रशासनिक बोझ लगभग पूरी तरह हटा देता है। हर केस के लिए एक समर्पित गवर्नमेंट सर्विस ऑफिसर (GSO) नियुक्त किया जाता है, जो डेथ सर्टिफिकेट से लेकर दफ़न, शव को दूसरे देश भेजने (repatriation) और सामाजिक‑मनोवैज्ञानिक सपोर्ट तक हर काम परिवार की ओर से संभालता है।
क्या है दुबई का ‘जब्र’ सिस्टम
‘जब्र’ दुबई का नया यूनिफाइड डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो किसी व्यक्ति की मृत्यु रजिस्टर होते ही सभी संबंधित सरकारी विभागों को ऑटोमैटिक नोटिफिकेशन भेजता है और पूरी प्रक्रिया को “सिंगल‑विंडो सर्विस” बना देता है।
यह पहल दुबई के ‘City Makers’ प्रोग्राम के तहत शुरू की गई है और इसे इंसान‑केंद्रित (human‑centred) डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन का मॉडल प्रोजेक्ट माना जा रहा है।
कैसे काम करता है ‘JABR’ – GSO की भूमिका
जैसे ही किसी अस्पताल या संबंधित सिस्टम में मृत्यु दर्ज होती है, ‘जब्र’ प्लेटफॉर्म रियल‑टाइम में पुलिस, म्युनिसिपैलिटी, सिविल रजिस्ट्रेशन, एयरपोर्ट, कम्युनिटी डेवलपमेंट अथॉरिटी सहित सभी साझे विभागों को जानकारी भेज देता है।
हर केस के साथ एक Government Service Officer (GSO) नियुक्त होता है, जो परिवार से सीधे संपर्क करके दफ़न, शव को विदेश भेजने, डेथ सर्टिफिकेट, कागज़ात, टेंट‑ताज़ियत (condolence arrangements) और अन्य सरकारी प्रक्रियाएँ खुद पूरी करता है।
परिवारों के लिए क्या बदला
पहले परिवारों को कई अलग‑अलग सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे; अब GSO और डिजिटल प्लेटफॉर्म की वजह से ज्यादातर प्रक्रियाएँ बैकएंड में अपने‑आप हो जाती हैं और डेथ सर्टिफिकेट भी प्रॉक्टिव तरीके से जारी होकर सभी विभागों में सर्कुलेट हो जाता है।
DHA के अनुसार, इससे समय कम हुआ, कागज़ी औपचारिकताएँ घटीं और भावनात्मक‑आर्थिक बोझ दोनों में कमी आई है, ताकि परिवार अपने शोक और सामाजिक‑धार्मिक रस्मों पर ध्यान दे सकें।
सामाजिक, मनोवैज्ञानिक और सामुदायिक समर्थन
कम्युनिटी डेवलपमेंट अथॉरिटी और अन्य भागीदार संस्थाएँ Emirati परिवारों के लिए अतिरिक्त ताज़ियत टेंट और तीन दिन तक की मेहमाननवाज़ी सेवाएँ उपलब्ध कराती हैं; इसके लिए दुबई में 70 से अधिक लोकेशन तैयार की गई हैं।
प्रवासी (expat) परिवारों के लिए भी आठ पब्लिक‑बेनिफिट ऑर्गनाइज़ेशन और पूजा स्थलों के माध्यम से विशेष सपोर्ट, काउंसलिंग और सहायता कार्यक्रम जोड़े गए हैं, जबकि स्कूल‑स्तर पर 200 से ज़्यादा काउंसलर को शोक‑ग्रस्त बच्चों की मदद के लिए प्रशिक्षित किया गया है।





