जवान बेटा है। बहू और पोता सभी हैं। पर परिवारीजनों के व्यवहार से दुखी खोराबार क्षेत्र के हक्काबाद की एक वृद्धा ने बुधवार को पति की मौत के बाद श्मशान घाट पर जाकर स्वयं मुखाग्नि दी।

 

गगहा क्षेत्र के बिठुआ दक्षिण टोला निवासी 70 वर्षीय रामदेव अपनी पत्नी लवंगी देवी के साथ बेटी की बेटी पिंकी देवी के घर हक्काबाद में बीते छह माह से रह रहे थे। बताते हैं कि वह अपने बेटे सूरज एवं बहू रजनी देवी के व्यवहार से दुखी थे। तकरीबन एक माह से रामदेव बीमार चल थे। पिंकी ही अपने नाना रामदेव की देखभाल कर रही थी। वही इलाज भी करा रही थी। इसी बीच मंगलवार की देर रात रामदेव की तबीयत खराब हो गई। पिंकी और उसके परिवारीजन उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाने की तैयारी कर रहे थे कि उनका निधन हो गया।

 

बुधवार की सुबह जब घटना की जानकारी हुई तो बहू रजनी देवी अपने बेटे के साथ हक्काबाद ससुर का शव लेने पहुंची। रामदेव की पत्नी लवंगी देवी ने रजनी को शव ले जाने से रोक दिया। हक्काबाद के लोगों ने मदद की और रामदेव का शव बिशुनपुर गांव के समीप राप्ती नदी के तट पर ले जाया गया। रामदेव के शव को उनकी पत्नी लवंगी देवी ने खुद मुखाग्नि दी। लवंगी देवी की दोनों लड़कियां एवं हक्काबाद के ग्राम प्रधान बेबी देवी के पति लालबहादुर यादव तथा गांव के लोग मौजूद रहे।

 

दुबई से गांव आया हुआ है सूरज
रामदेव का बेटा सूरज दुबई में कमाता है। कुछ दिन पूर्व ही वह गांव आ गया है। वह कभी माता-पिता से मिलने नहीं पहुंचा था। इतना ही नहीं रजनी अपने बेटे के साथ ससुर का शव लेने के लिए हक्काबाद पहुंची लेकिन सूरज घर पर ही रहा। वह पिता के अंतिम दर्शन को भी नहीं पहुंचा।GulfHindi.com

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